Electoral Bond Case: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लिए नया फरमान जारी हुआ है. दरअसल इलेक्टोरल बॉन्ड की समस्याओं को सुलझाने के लिए बैंक द्वारा मांगे गए समय को अदालत ने खारिज कर दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को अगले दिन यानी 12 मार्च को अपनी सारी डिटेल जमा करने का आदेश दिया है. बता दें कि बीते 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद बीते 6 मार्च को एसबीआई ने सारी डिटेल को जमा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था.
मिली जानकारी के मुताबिक चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई के साथ चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच इस पूरे मामले की सुनवाई कर रही है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बेंच ने एसबीआई की मांग को रद्द करते हुए आने वाले 12 मार्च को सारी डिटेल चुनाव आयोग को जमा करने की कड़ी चेतावनी दी है. इसके साथ ही चुनाव आयोग की सारी डिटेल 15 मार्च को शाम 5 बजे वेबसाइट पर अपलोड करने की बात कही है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने एक्स पर इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर एक पोस्ट डाला कि,इलेक्टोरल बॉन्ड्स भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है, जो भ्रष्ट उद्योगपतियों और सरकार के नेक्सस की पोल खोल कर नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देश के सामने लेकर आएगा. आगे लिखा क्रोनोलॉजी स्पष्ट है: चंदा दो- धंधा लो, चंदा दो- प्रोटेक्शन लो! चंदा देने वालों पर कृपा की बौछार और आम जनता पर टैक्स की मार, यही है भाजपा की मोदी सरकार.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एसबीआई को कड़ी चेतावनी देते हुए बताया कि, हम एसबीआई की याचिका खारिज कर रहे हैं. अगर आने वाले 12 तक सारा आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पाया तो हम एसबीआई पर अवमानना का मुकदमा चलाएंगे. इसके लिए उन्हें 15 मार्च, 2024 तक सारा आंकड़ा उपलब्ध करने का समय दिया जाता है.
अब सवाल ये उठता है कि, कहां रहता है सारा डिटेल? बॉन्ड किसने खरीदा किसको दिया? मिली सूचना के मुताबिक एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि डोनर व रिसीवर की डिटेल को विभिन्न तरीके से सील पैक लिफाफों में बंद करके मुंबई ऑफिस में रखा जाता है.
सुप्रीम कोर्ट को आने वाले 12 मार्च को एसबीआई दो विभिन्न तरीके से अपना डाटा पेश करेगा.
1- आखिर किस डेट में इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीदा गया था? आखिर किसने इस बॉन्ड को खरीदा? इस बॉन्ड की कीमत क्या है?
2- इलेक्टोरल बॉन्ड से राजनीतिक पार्टियों को आखिर कितना चंदा दिया गया है? किस डेट में इस बॉन्ड को संचारित किया गया था? आखिर कितने बॉन्ड एनकैश किए गए हैं?
एसबीआई को बॉन्ड खरीदने से लेकर इसकी वैल्यू, तारीख के साथ किस पार्टी का चुनावी बॉन्ड खरीदने में कितना चंदा मिला. इस तरह की तमाम सूचना सुप्रीम कोर्ट को पेश करनी होगी. मगर इस बात की तह तक जाने की आवश्यकता नहीं है कि किसने किस पार्टी को कितना बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया है. इस बात पर चर्चा करना मतलब एक तरह के बेकार मुद्दों पर ध्यान देना है. दरअसल एसबीआई ही ऐसा है जो जानकारी दे सकता है कि किसने किस राजनीतिक पार्टी को कितनी रकम का चंदा दिया होगा. इसके बावजूद ये बता सकता है कि, किस पार्टी को इससे लाभ या नुकसान हुआ होगा या हुआ.
First Updated : Monday, 11 March 2024