Krishnanand Rai Murder Story: जेल में बंद भारतीय गैंगस्टर और राजनेता मुख्तार अंसारी जिन की गुरुवार (28 मार्च) को कार्डियक अरेस्ट के कारण मृत्यु हो गई. अप्रैल 2023 में मुख्तार अंसारी को BJP नेता की हत्या के आरोप में 10 साल की सजा मिली थी. वह बांदा जिला जेल में बंद थे. दरअसल, साल 2002 में यह इस हत्याकांड की कहानी शुरू हुई थी. तब बीजेपी ने मुख्तार के गढ़ माने जाने वाले गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट से कृष्णानंद राय को टिकट दिया और उनकी जीत हुई.
इसके बाद 2005 में एक कार्यक्रम के दौरान कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई. कृष्णानंद राय की हत्याकांड के दौरान 400 से अधिक गोलियां चली थी जिसमें कुल 6 लोगों को अंसारी ने मौत के घाट उतार दिया था.
भाजपा नेता कृष्णानंद राय उत्तर प्रदेश के विधानसभा के सदस्य थे. कृष्णानंद राय राजनीति की दुनिया में 2002 के यूपी विधानसभा चुनावों में सुर्खियों में आए थे. इस चुनाव में उन्होंने उन्होंने राज्य की मोहम्मदाबाद सीट से भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की. इसके बाद वह 2002 से 2005 तक विधायक रहे. विशेष रूप से, उन्होंने 1999 में उसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह उस समय वोट इकट्ठा करने में सफल नहीं हो पाए. हालांकि, 2002 में इस सीट से उनकी जीत मुख्तार अंसारी और उनके बड़े भाई और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बसपा नेता अफजाल अंसारी को अच्छी नहीं लगी और उसके बाद जो हुआ उससे पूरे पूर्वांचल में दहशत फैल गया.
कृष्णानंद राय अपनी चुनावी सफलता के साथ, वह अपने विरोधियों, विशेषकर मुख्तार अंसारी के गिरोह के निशाने पर आ गये. 29 नवंबर 2005 को राय के जीवन का दुखद अंत हो गया जब मुख्तार अंसारी के गिरोह ने बसनिया चट्टी के पास उनके काफिले पर घात लगाकर हमला कर दिया. लगभग 500 राउंड की गोलीबारी में राय और छह अन्य लोग मारे गए. इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. राय की हत्या के बाद राज्य में आक्रोश फैल गया और न्याय की मांग की गई.
हालाँकि, 2023 में मुख्तार अंसारी को एमपी/एमएलए अदालत ने राय की हत्या का दोषी पाया था. 13 मार्च, 2024 को नकली हथियार लाइसेंस मामले में शामिल होने के लिए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
First Updated : Friday, 29 March 2024