Meen Sankranti 2023: मीन संक्रांति कब है जानिए इसका शुभ मुहूर्त और पूजा करने की विधि

कहा जाता है कि उत्तारायण काल में सूर्य उत्तर की ओर उदय होता है और तभी से समय बढ़ना शुरु हो जाता है।जिससे दिन लंबे साथ ही रात छोटी नजर आती हैं। इस समय वातावरण और वायु भी स्वच्छ होती है।

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मीन संक्रांति का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया जाता है।मान्यता है कि इस दिन को धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि व्यावहारिक रूप से भी उत्तम माना गया है।इस बार मीन संक्रांति 15 मार्च 2023 दिन बुधवार को मनाई जायेगी। साथ ही इस पर्व को व्यक्ति बाकी संक्रांतियों के तरह ही मनाना पसंद करते हैं। इसके आलावा स्नान करना काफी शुभ माना जाता है।शास्त्रों के अनुसार मीन संक्रांति से सूर्य की गति उत्तारायण की ओर बढ़ती है।

कहा जाता है कि उत्तारायण काल में सूर्य उत्तर की ओर उदय होता है और तभी से समय बढ़ना शुरु हो जाता है।जिससे दिन लंबे साथ ही रात छोटी नजर आती हैं। इस समय वातावरण और वायु भी स्वच्छ होती है। साथ ही इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करनी काफी शुभ मानी जाती है।जब रात छोटी होती है तो नकारात्मक शक्तियां भी कम होने लगती है।

शास्त्रों में कहा जाता है कि यदि इस दिन कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान की उपासना करता है,तो उसके जीवन में होने वाली सभी प्रकार के कंष्टों से उस व्यक्ति को छुटकारा मिलता है। इसके आलावा यह भी कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति पवित्र नदियों में स्नान करने जाता है उसकी सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती हैं।

शुभ मुहूर्त कब हैं?

15 मार्च 2023 दिन बुधवार को सुबह सूर्य देव 6 बजकर 47 मिनट साथ ही पुण्य काल 1 बजकर 10 मिनट तक वहीं दूसरी ओर सुबह 8 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश कर सकते हैं।जो भी व्यक्ति इस खास दिन पर स्नान करने जाते हैं उन्हें मुक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

कैसे करें पूजा?

मीन संक्रांति के दिन सबसे पहले सुबह के समय उठकर स्नान कर लेना चाहिए। स्नान करने के बाद भगवान सूर्य देव को जल चढ़ा ना चाहिए साथ ही उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए।मलमाह के समय भगवान श्री विष्णु और महादेव की पूजा करने से काफी लाभ मिलता है।इसके साथ ही जो भी व्यक्ति भगवान सूर्य देव की उपासना करता है। उसका स्वास्थ्य ठीक रहता है साथ ही मन भी पवित्र रहता है।

First Updated : Tuesday, 14 March 2023