वो मुद्दे जिनसे विपक्ष के सामने कमजोर पड़ेगी बीजेपी, समझिए 6 प्वाइंट्स में

Aaj Ka Sixer: देश में चुनावी माहौल है, ऐसे में कई ऐसे मामले सामने आए जिससे पार्टियों की साख पर बात आ गई. कर्नाटक में सेक्स वीडियो सामने आने के बाद से राजनीति में हलचल मच गई. समझिए ऐसे मुद्दे विपक्ष के लिए कैसे इस चुनाव में फायदेमंद साबित हो सकते हैं

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Aaj Ka Sixer: लोकसभा इलेक्शन 2024 में BJP अपना पूरा दम लगा है, पार्टी के बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रचार में किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. ये इलेक्शन बीजेपी के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि अगर इस बार BJP फिर से जीती तो नरेंद्र मोदी देश के सबसे ज्यादा दिनों तक पीएम बने रहने का रिकॉर्ड बना लेंगे, लेकिन ये इतना आसान नहीं है, क्यों इस चुनाव में कई ऐसे मुद्दे हैं जो विपक्ष के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. 

1- विपक्ष ने गृहमंत्री अमित शाह का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें कहा गया कि BJP सरकार आती है तो वो आरक्षण खत्म कर देगी. ये मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि जांच की गई, जिसमें पता चला कि ये वीडियो फर्जी था. इस मामले में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी के खिलाफ केस दर्ज हुआ, लेकिन विपक्ष के शेयर किए इस वीडियो से लोगों में ये नेरेटिव सेट हो गया कि BJP आरक्षण खत्म कर देगी. 

2- दोनों ही पार्टियों ने 'संविधान बचाओ' का नारा दिया है. एक तरफ विपक्ष ये साबित करने में लगा है कि बीजेपी 400 पार का नारा इसलिए लगा रही है ताकि वो सत्ता में आकर कई कानूनों को बदल सके. इसमें विपक्ष ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को मुद्दा बनाया. उन्होंने नेताओं की गिरफ्तारी पर लोगों के बीच जाकर बात की, जिसमें कहा गया कि ये सरकार आई तो आगे कभी चुनाव नहीं होंगे. 

3- कर्नाटक में देश के पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के पोते सांसद प्रज्जवल रेवन्ना की हजारों सेक्स वीडियो वायरल हो गई. चुनाव के बीच इस तरह की वीडियो का सामने आना कोई आम बात नहीं थी. वीडियो में महिलाों के साथ जबरदस्ती करते हुए देखा गया. बीजेपी और जेडीएस कर्नाटक में साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं, इसीलिए विपक्ष रे लिए एक बड़ा मुद्दा बना. 

4- बीजेपी ने राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया जिसमें कहा गया कि उन्होंने राजपूतों का अपमान किया है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए. जैसा कि सभी जानते हैं कि राजपूत बीजेपी के कट्टर वोटर हैं. लेकिन इस बार चुनाव में इस समुदाय ने गुजरात, राजस्थान और यूपी में बीजेपी से दूरी बना ली. आंकड़ों के मुताबिक, पहले और दूसरे चरण के मतदान के दौरान उत्तर प्रदेश के राजपूत बहुल गाजियाबाद और नोएडा में सबसे कम वोटिंग प्रतिशत शायद इसका सबसे बड़ा सबूत है.  पहले चरण में भी मुजफ्फरनगर आदि में राजपूतों की नाराजगी साफ तौर पर देखी गई थी. इसका फायदा भी विपक्ष को मिल सकता है. 
 
5- AIMIM और BSP को विपक्ष बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाता रहा है. लेकिन इस बार ये दोनों फैक्टर गायब हैं. बीजेपी के लिए 2014 और 2019 के चुनाव में कभी बीएसपी तो कभी AIMIM के उम्मीदवारों ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया और कई सीटों पर बीजेपी को फायदा पहुंचाया. लेकिन इस बार असदुद्दीन औवेसी और मायावती को ऐसी मेहरबानी मिलती नहीं दिख रही है. 

6- BJP ने 400 पार का नारा इतने जोरो शोरों से दिया कि लोगों के मन में ये बैठ गया है कि अब तो हर हाल में BJP ही सत्ता में आएगी. ये कहा जा रहा है कि इस बार कई बूथों पर वोटिंग कम हुई, उसकी वजह थी ये नारा. बीजेपी सपोटर्स को लग रहा था कि पार्टी तो जीत ही रही है तो एख वोट से क्या ही फर्क पड़ेगा. 2004 के चुनाव में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, सबको लगा था कि बीजेपी की बड़ी जीत होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. अब देखना ये है कि ये सारे मुद्दे विपक्ष को कितना फायदा पहुंचाते हैं.

First Updated : Thursday, 02 May 2024