केंद्र सरकार नई सहकार नीति लाने पर काम कर रही है: गृहमंत्री

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकार से समृद्धि के कॉन्सेप्ट को देश के सामने रखने और इसके लिए सहकारिता मंत्रालय बनाकर देश के करोड़ों किसानों को समृद्ध बनाने का एक नया प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सहकार का मतलब है साथ आना, साथ सोचना, साथ में संकल्प लेना और साथ में संकल्प की सिद्धि के लिए पुरुषार्थ करना।

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नई दिल्ली: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकार से समृद्धि के कॉन्सेप्ट को देश के सामने रखने और इसके लिए सहकारिता मंत्रालय बनाकर देश के करोड़ों किसानों को समृद्ध बनाने का एक नया प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सहकार का मतलब है साथ आना, साथ सोचना, साथ में संकल्प लेना और साथ में संकल्प की सिद्धि के लिए पुरुषार्थ करना।

शाह ने कहा कि 1995 में किसानों को दिए जाने वाले ऋण पर 18% ब्याजदर को 3 लाख तक के ऋण पर शून्य करने का बड़ा काम करके मोदी जी ने ये बताया कि जब किसान हितैषी सरकार आती है तब कैसा परिवर्तन आता है। अमित शाह ने कहा कि लगभग 1350 किसानों को भंडारण के लिए गोदाम बनाने के लिए लोन दिया गया जिसमे 70 हजार किसानों को रुपे क्रेडिट कार्ड दिया है।

उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब गुजरात के सौराष्ट्र में दुग्ध उत्पादकों को नुक़सान उठाना पड़ता था क्योंकि उस समय सहकारी डेयरी नहीं थी। लेकिन आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सौराष्ट्र की सभी डेयरियां बहुत अच्छे तरीक़े से चल रही हैं और हमारी बहनों को उनका पैसा मिल रहा है। शाह ने आगे कहा कि अब दूध के साथ-साथ प्रधानमंत्री मधुमक्खी पालन की योजना भी शुरू की है। भारत को दुनिया में मधु उत्पादन में भी नंबर वन बनाने की जरुरत है। गिर गाय की नस्ल को संवर्धित करने, उसका संरक्षण करने और उसके साथ-साथ उसमें अंदर सुधार करने के लिए एक केन्द्र भी अमरेली में बनने जा रहा है।

शाह ने गुजरात के अमरेली में सहकार सम्मेलन- अमरेली ज़िले की प्रमुख सहकारी संस्थाओं की एजीएम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार एक नई सहकार नीति लाने पर भी काम कर रही है जो सहकारिता में हेल्थ, इन्श्योरेंस, ट्रांस्पोर्टेशन, पर्यटन आदि गतिविधियों को जोड़ेगी। वर्तमान ट्रेनिंग के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सहकार नीति के साथ-साथ सहकार यूनिवर्सिटी बनाकर सभी तक ट्रेनिंग पहुंचाने का काम भी केन्द्र सरकार करने जा रही है जिसके लिए 55 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इस वर्ष के बजट में सहकारी मंडियों पर लगने वाले वैकल्पिक कर को 18.5% से घटाकर 15% और सरचार्ज को 12% से घटाकर 7% किया गया। केन्द्र सरकार राष्ट्रीय सहकार डेटाबेस भी बनाने पर काम कर रही है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती पर भी ख़ासा ज़ोर दिया है। ओर्गेनिक उत्पाद हमारे देश और विश्व भर के लोगों का स्वास्थ्य सुधारेंगे और किसानों को बेहतर कीमत भी मिलेगा। लेकिन इन उत्पादों के सर्टिफिकेशन के लिए हमने अमूल और अन्य पांच सहकारी संस्थाओं को मिलाकर एक मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाने का निर्णय किया है जो देश के हर राज्य में लेबोरेटरी बनायेगी और वहां किसानों के खेतों की मिट्टी और का परीक्षण कर अमूल ऑर्गेनिक का सर्टिफ़िकेशन लगकर मुनाफा सीधे किसान के खाते में जमा हो जायेगा। इसके अलावा ज्यादा उत्पादन देने वाले बीज बनाने के लिए भी हम मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाने जा रहे हैं।

First Updated : Sunday, 11 September 2022