भारतीय नौसेना में शामिल हुई सैंड शार्क आईएनएस वागीर

भारतीय नौसेना में आज एक अहम दिन है। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरी कुमार की मौजूदगी में महाराष्ट्र के मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पर आईएनएस वागीर को नौसेना में कमीशन किया गया।

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भारतीय नौसेना में आज एक अहम दिन है। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरी कुमार की मौजूदगी में महाराष्ट्र के मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पर आईएनएस वागीर को नौसेना में कमीशन किया गया। नई कमीशन की गई पनडुब्बी को पिछले साल फरवरी में अपनी पहले उड़ान भरी थी, जिससे समुद्री परिक्षण शुरू हुआ था। प्रोजेक्ट 75 के तहत ये कलवारी क्लास की 5 वीं सबमरीन है, जिसे नौसेना में शामिल किया गया है। आईएनएस वागीर दुनिया की सबसे बेहतरीन पनडुब्बियों में से एक है जो सतह से सतह तक वार करने वाली मिसाइलों से लेस है।

नौसेना प्रमुख ने इस पर कहा की वागीर दुर्जय हथियार पैकेज वाला एक घातक मंच है। आईएनएस वागीर पिछले 24 महीनों में भारतीय नौसेना में शामिल की गई तीसरी पनडुब्बी है। इस पनडुब्बी में विशेष अभियानों के तहत समुद्री कमांडो को लांच करने की क्षमता है। हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति के बीच भारत ने आईएनएस वागीर को भारतीय नौसेना में शामिल किया है। वागीर का एक गौरवशाली अतीत है क्योंकि इस नाम की पनडुब्बी को 1973 में कमीशन किया गया था और इसने कई परिचालक मिशन किए थे।आईएनएस वागीर को अपने नए अवतार में सबसे कम समय में निर्माण होने का गौरव प्राप्त है।

'वागीर' का अर्थ है- रेत शार्क जिसका मतलब है चुपके और निडरता, एक पनडुब्बी के दो प्रयाय। एडमिरल कुमार के कहा कि, "भारतीय नौसेना में एक सम्मानित परंपरा है की पुराने जहाज़ और पनडुब्बियाँ कभी मरते नहीं। इस भावना को ध्यान में रखते हुए, हमारे सामने पनडुब्बी वागीर का पुनर्जन्म है जिसने तीन दशकों तक भारतीय नौसेना की सेवा की। आत्मरक्षा के लिए इसमें अत्याधुनिक टारपीडो डिकोय सिस्टम है। " आईएनएस वागीर समुद्र में 37 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकती है। ये समुद्र में 350 मीटर की गहराई तक जा सकती है और लगातार 50 दिन तक समुद्र के भीतर रह सकती है।

First Updated : Monday, 23 January 2023