Bihar: बिहार में जातीय गणना रोकने का प्रयास, आरजेडी ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप

Bihar: सांसद मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर बिहार में लगभग पूरे हो चुके जाति सर्वेक्षण को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. ये जाहिर करता है कि भाजपा और संघ द्वारा समाज के इतने बड़े वर्ग को उनके अधिकारों से वंचित करने का योजना बना रहे हैं और यह उनकी प्राथमिकता है. 

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Caste Census In Bihar: बिहार में राज्य की नीतीश सरकार द्वारा कराए जा रहे जातीय जनगणना को लेकर आरजेडी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता मनोज झा ने एक बड़ा बयान दिया है. राष्ट्रीय जनता दल के सांसद ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण को रोकने का प्रयास करने और समाज के एक बड़े वर्ग को उनके अधिकारों से "वंचित" करने का गंभीर आरोप लगाया गया है.

बिहार में राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे जाति आधारित गणना पर केंद्र की रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए मनोज झा ने यह दावा किया कि इस मामले पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अदालत में मौजूद रहना यह स्पष्ट करता है कि जाति सर्वेक्षण को रोकने के प्रयास में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) सीधे तौर पर शामिल है.

'जाति सर्वेक्षण को रोकने का प्रयास कर रही भाजपा'

एक वीडियो बयान में सांसद मनोज झा ने कहा कि " प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर बिहार में लगभग पूरे हो चुके जाति सर्वेक्षण को रोकने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. ये जाहिर करता है कि भाजपा और संघ द्वारा समाज के इतने बड़े वर्ग को उनके अधिकारों से वंचित करने का योजना बना रहे हैं और यह उनकी प्राथमिकता है." 

बता दें कि आरजेडी सांसद का यह बयान केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट को बताए जाने के एक दिन बाद आई है कि संबंधित कानून के तहत केवल केंद्र को ही जनगणना कराने का अधिकार है, क्योंकि यह विषय संविधान की संघ सूची के अंतर्गत आता है.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिया था हलफनामा

गौरतलब है कि राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने के पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं के संबंध में दायर केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र एससी, एसटी, एसईबीसी और ओबीसी के विकास के लिए संवैधानिक और लागू कानूनों के अनुसार सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.

'जाति सर्वेक्षण को रोकने में पीएमओ सीधे तौर पर शामिल'

आरजेडी सांसद ने अपने बयान में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, 'तुषार मेहता की मौजूदगी ने यह साबित कर दिया है कि जाति सर्वेक्षण को रोकने में पीएमओ सीधे तौर पर शामिल है. 'हलफनामे में पांचवें बिंदु में 'जनगणना और जनगणना के समान कुछ भी' का उल्लेख किया गया है, जो कि राज्य द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण को रोकने के प्रयास का संकेत देता है. उन्होंने दावा किया कि यह अनजाने में हुई गलती थी, लेकिन उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया. उन्होंने ने  कहा " यह अनजाने में नहीं था बल्कि सर्वेक्षण को रोकने के लिए जानबूझकर किया गया था."

मनोज झा ने आगे कहा, "आप (केंद्र) समाज के इतने बड़े वर्ग को उसके अधिकारों से वंचित करके ज्वालामुखी को निमंत्रण दे रहे हैं. यह सब करके केंद्र सरकार बेनकाब हो रही हैं. आप जाति सर्वेक्षण को नहीं रोक सकते."

First Updated : Tuesday, 29 August 2023