साइक्लोन मोका के बाद अब साइक्लोन बिपोरजॉय ने डराना शुरू कर दिया है। बिपोरजॉय की ताजा अपडेट क्या हैं, कहां पहुंचा और कितनी तबाही मचा सकता है इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे लेकिन उससे पहले अगर आपने अबतक हमारा चैनल सब्सक्राइब नहीं किया है तो जरूर कर लें और वेल आइकन भी प्रेश करना न भूलें।

अरब सागर में इस साल आया पहला चक्रवाती तूफान बिपोरजॉय तेजी से गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो रहा है। इससे केरल में मानसून की धीमी शुरुआत होने और इसके दक्षिणी प्रायद्वीप के आगे कमजोर पड़ने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने कहा कि बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान बिपोरजॉय 8 जून की सुबह साढ़े पांच बजे पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर केंद्रित है। यह गोवा से लगभग 860 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 910 किमी दक्षिण पश्चिम में है। ये तूफान और तेज होगा और उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा।

एक स्टडी के मुताबिक अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की तीव्रता मानसून के बाद के मौसम में करीब 20 प्रतिशत और मानसून से पहले की अवधि में 40 प्रतिशत बढ़ी है। अरब सागर में चक्रवाती तूफानों की संख्या में 52 फीसदी बढ़ोतरी हुई है, वहीं बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान 150 फीसदी बढ़े हैं। आईएमडी ने अपने बयान में पहले ही कहा है कि केरल में दो दिन के भीतर मानसून शुरू होने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। हालांकि, मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘बिपोरजॉय’ चक्रवाती तूफान मानसून की तीव्रता को प्रभावित कर रहा है और केरल के ऊपर इसकी शुरुआत हल्की रहेगी।

हालांकि आईएमडी ने अभी तक भारत, ओमान, ईरान और पाकिस्तान सहित अरब सागर से सटे देशों पर इसके किसी बड़े प्रभाव को लेकर कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया है। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसियों ने कहा कि तूफान पहले के आकलन को धता बताते हुए केवल 48 घंटे में एक चक्रवात से गंभीर चक्रवाती तूफान बनने की दिशा में बढ़ रहा है। पर्यावरण संबंधी स्थितियों से ये संकेत मिलता है कि 12 जून तक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रुख रह सकता है। 

मौसम विभाग ने कहा है कि अरब सागर में बिपोरजॉय तूफान गोवा से लगभग 870 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम और मुंबई से 930 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम पर केंद्रित है। ये अगले 48 घंटों के दौरान धीरे-धीरे और तेज होगा और अगले 3 दिनों के दौरान लगभग उत्तर और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान तीव्र हो रहे हैं और जलवायु परिवर्तन के कारण ये लंबे समय तक काफी सक्रिय बने रह सकते हैं।