Odisha Train Accident: ओडिशा ट्रेन दुर्घटना पर पहली रिपोर्ट जारी, जानिए कहां हुई चूक

Odisha Train Accident: सरकार ने यह भी बताया कि दुर्घटना में घायल हुए 41 यात्रियों की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है.

calender

नई दिल्ली: पिछले जून में ओडिशा के बालासोर में एक सिंग्नल चूक के कारण भयावह ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई,  जिसमे कोलकाता-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी थीं शामिल थी. रेल मंत्रालय ने पहली बार रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट के निष्कर्ष जारी करते हुए कहा कि इस दुर्घटना में 293 से अधिक मौतें हुईं और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए, पिछले दो दशकों में यह भारत की सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं में से एक थी.

राज्यसभा में सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में सामने आई रिपोर्ट में नॉर्थ सिग्नल गुमटी स्टेशन पर सिग्नलिंग सर्किट परिवर्तन और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के बदलाव के लिए सिग्नलिंग कार्य को ठीक करने के दौरान खामियों की ओर इशारा किया गया है.

'यह रेलवे अधिकारियों की घोर चूक और लापरवाही है'

रिपोर्ट में कहा गया है, "पिछली टक्कर नॉर्थ सिग्नल गूमटी (स्टेशन के) पर पिछले दिनों किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन में खामियों के कारण हुई थी, और स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के बदलाव से संबंधित सिग्नलिंग कार्य को ठीक करने के दौरान हुई थी."

रिपोर्ट में बताया गया है कि इन गलतियों के कारण गलत लाइन के लिए हरा सिग्नल दिखाया गया, जिससे ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई. मंत्री ने कहा कि ये मुद्दे रेलवे अधिकारियों की ओर से "घोर चूक और लापरवाही" को दर्शाते हैं.

दुर्घटना में घायल हुए 41 यात्रियों की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है

सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास के अनुरोध के बावजूद, सरकार ने पिछले तीन वर्षों में इसी तरह की सिग्नल विफलताओं पर विवरण नहीं दिया, केवल यह कहा कि विफलताएं हुई थीं, लेकिन ऐसी कोई विफलता नहीं थी जिसके कारण बालासोर जैसी गंभीर घटना हुई हो.

इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दुर्घटना के संबंध में भारतीय रेलवे के तीन कर्मचारियों, अरुण कुमार महंत, मोहम्मद अमीर खान और पप्पू कुमार को गिरफ्तार किया था. उन पर गैर इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया.

रोका जा सकता था बालासोर त्रासदी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की रिमांड अवधि 15 जुलाई को समाप्त होने के बाद आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की गई है. जांच अभी भी जारी है, जिससे 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बंकरनयाबाज़ स्टेशन पर गलत वायरिंग और केबल की खराबी के कारण इसी तरह की एक पूर्व घटना सामने आई है. सीआरएस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस घटना के बाद सुधारात्मक उपायों से बालासोर त्रासदी को रोका जा सकता था.

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सुरक्षा से समझौता का लगाया आरोप

सीआरएस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने रेलवे सुरक्षा के बुनियादी मुद्दों पर "पूरी तरह से समझौता" किया है और यह "मानवीय त्रुटि" प्रबंधन और राजनीतिक नेतृत्व की विफलता को उजागर करती है.
इस दुखद घटना के बाद सदमे में दक्षिण पूर्व रेलवे की महाप्रबंधक अर्चना जोशी को उनके पद से हटा दिया गया और अनिल कुमार मिश्रा को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया.

First Updated : Saturday, 22 July 2023