विश्व विख्यात भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तैयारी हो चुकी है. जिसकी शुरूआत आज शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से हो गई है. पौराणिक परंपराओं के मुताबिक शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ के क्षेत्ररक्षक भैरवनाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई है.
बता दें कि भैरवनाथ भगवान को केदारनाथ धाम के लिए रवाना करने से पहले पौराणिक परंपरा के मुताबिक उनके क्षेत्ररक्षक भैरवनाथ की पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही पूजा-अर्चना के बाद बाबा भैरवनाथ को केदारनाथ के लिए डोली से रवाना किया जाता है.
वहीं आज भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली की विशेष पूजा-अर्चना व श्रृंगार के बाद लगभग 10 बजे शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से डोली रवाना की जाएगी. इसके बाद वह प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी.
वहीं आने वाले 7 मई को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी से रवाना होकर नाला, नारायणकोटि, मैखण्डा यात्रा पड़ावों से होते हुए भक्तों को आशीर्वाद देते हुए द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुंचेगी.
इसके बाद आने वाले 8 मई को शेरसी, बड़ासू, रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग होते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौरी माता मन्दिर गौरीकुंड पहुंचेगी, जबकि 9 मई को गौरीकुंड से रवाना होकर जंगलचट्टी, भीमबली लिनचोली, बैस कैंप होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचेगी.
वहीं 10 मई को प्रातः 7 बजे वृष लग्न में भगवान केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ के लिए खोल दिये जाएंगे.