पेरेंट्स बच्चों को मजाक में भी न सिखाएं ये बातें, सुधारना हो जाएगा मुश्किल

बच्चे मन के सच्चे होते है, उनकी दुनिया अलग होती है। बचपन में वे माता-पिता के नजरिए से दुनिया को देखते हैं इसलिए हर पेरेंट की ये जिम्मेदारी होती है कि बच्चों को पॉजिटिव बातें ही सिखाएं और कोई भी ऐसी बात ना सिखाएं जिससे कभी ऐसा ना हो कि उसकी आदत को

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बच्चे मन के सच्चे होते है, उनकी दुनिया अलग होती है। बचपन में वे माता-पिता के नजरिए से दुनिया को देखते हैं इसलिए हर पेरेंट की ये जिम्मेदारी होती है कि बच्चों को पॉजिटिव बातें ही सिखाएं और कोई भी ऐसी बात ना सिखाएं जिससे कभी ऐसा ना हो कि उसकी आदत को सुधारना मुश्किल हो जाए। क्योंकि बच्चे एक बार जो सीख जाते हैं, उससे बाद उन्हें बदलना या सुधारना बहुत मुश्किल हो जाता है।

दूसरे बच्चों को मारना

बचपन में बच्चों की लड़ाई होना आम बात है लेकिन अगर आप बच्चों को ये सिखाते हैं कि कोई बच्चा लड़े, तो उसे बुरी तरह पीटकर आना, तो ऐसी बातें आपके बच्चे को वॉयलेंट बनाती है और मार-पीट करना उसकी आदत बन सकती है।

डबल मीनिंग बातें

कई पेरेंट इसे डबल मीनिंग बातें करना बहुत फनी बात मानते हैं लेकिन ये वाकई में बहुत ही बुरी बात है। ऐसा करने से बच्चे के मन में किसी के लिए रिस्पेक्ट नहीं रहती और सही चीजों को भी गलत नजर से देखते लगता है।

अच्छी चीजों को उठा लाओ

अगर बच्चा आपको बताता है कि उसे कोई चीज अच्छी लगी है और उसे खरीदना चाहता है तो उसे बताएं कि कोई चीज उसके लिए अच्छी है या नहीं। कभी भी बच्चों को बिना पूछे घर पर उठा लाने की सलाह न दें।

इस आंटी या बच्ची से शादी करोगे?

जैसे की हर बात की एक उम्र होती है तो बच्चों के सामने ऐसी बातें करके आप उनके दिमाग में सिर्फ कचरा भर रहे हैं इसलिए मजाक में भी किसी आंटी या लड़की से शादी करने जैसी वाहियात बातें अपने बच्चे से न करें।

First Updated : Monday, 03 October 2022