Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती है, क्या है जीवन में इस पर्व का महत्व

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि के पर्व को काफी महत्व दिया जाता है। साथ ही इन नौ दिनों में प्रत्येक व्यक्ति माता रानी को प्रसन्न करने की पूरी कोशिशे करते हैं, और माता के लिए 9 दिनों का व्रत रकते हैं।इसके आलावा मां के नौ रुपों की पूजा रोजाना की जाती है।इस पर्व को केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल में भी मनाया जाता है

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हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि के पर्व को काफी महत्व दिया जाता है। साथ ही इन नौ दिनों में प्रत्येक व्यक्ति माता रानी को प्रसन्न करने की पूरी कोशिशे करते हैं, और माता के लिए 9 दिनों का व्रत रकते हैं।इसके आलावा मां के नौ रुपों की पूजा रोजाना की जाती है।इस पर्व को केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल में भी मनाया जाता है।क्या कभी आप ने सोचा है कि हम लोग इन नवरात्रियों में माता की पूजा-अर्चना साथ ही व्रत क्यों रखते हैं?

आखिर नवरात्रियों को क्यों मनाया जाता है?

काफी समय पहले की बात है, रम्भासुर का पुत्र महिषासुर काफी शाक्तिशाली था। उसने शक्तियों को पाने के लिए अनेक प्रकार के कठिन तप करने शुरु किए।वह भगवान ब्रह्माजी की तपस्या करता था और हर प्रकार की कोशिश करता था कि भगवान ब्रह्माजी को कैसे प्रसन्न किया जाए? कई बार कठिन तपस्या करने के बाद ब्रह्माजी वहां प्रकट हुए और कहा बताओं तुम्हे क्या चाहिए, लेकिन मृत्यु को छोड़कर सब मांग लों।

काफी सोच-विचार के बाद महिषासुर ने कहा देवता,असुर और मानव किसी से भी मेरी मृत्यु न हो। किसी भी स्त्री के हाथ से मेरी मृत्यु निश्चित करने की कृपा करें। कुछ दिनों बाद महिषासुर में इतना अहंकार आ गया कि वह देवी-देवताओं को परेशान करने लगा। सभी महिषासुर से इतनी दुखी हो गए कि उन्हें आदिशक्ति की कठोर  तपस्या करनी पड़ी ।

उनसे प्रार्थना की और मदद मागी।महिषासुर की मृत्यु करने के लिए माता रानी ने चैत्र नवरात्रि के दिन अपने अंश से 9 रुपों को प्रकट किया। उन रुपों को देखने के बाद सभी देवी-देवताओं ने महिषासुर का वध करने का आदेश दिया और माता रानी ने अपने नौ रुपों के साथ मिलकर महिषासुर का वध कर दिया। तभी से नवरात्रि की शुरुआत होने लगी।साथ ही लोग इस दिन को बेहद खास तरीके से मनाते हैं।

First Updated : Friday, 17 March 2023