Karvachauth 2023: यहां की महिलाएं नहीं करती है करवा चौथ का व्रत, वजह है एक श्राप

Karvachauth 2023: हिंदू धर्म में करवा चौथ के त्योहार का बेहद महत्व है. यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए रखती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, भारत में एक ऐसी जगह है जहां महिलाएं एक श्राप की वजह से करवा चौथ व्रत का नहीं रखती है. अगर नहीं तो चलिए जानते हैं.

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Ajab Gajab News: देशभर में करवा चौथ व्रत का धूम देखने को मिल रहा है. महिलाएं करवा चौथ के लिए शॉपिंग करनी भी शुरू कर दी है. यह त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास है. इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर सजती संवरती है और अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है. इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को मनाया जा रहा है. तो चलिए इस खास मौके पर आपको करवाचौथ से जुड़ी एक दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं.

श्राप की वजह से यहां की महिलाएं नहीं मनाती है करवा चौथ-

वैसे तो भारत के अधिकांश राज्यों में करवाचौथ का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि उत्तर प्रदेश में एक ऐसी जगह है. जहां एक श्राप की वजह से महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रखती है. दरअसल. मथुरा के सुरीर कस्बे की मांट तहसील में स्थित सुरीर के मोहल्ला वघा में ठाकुर समाज के सैकड़ों परिवार करवा चौथ यानि अहोई अष्टमी का त्योहार मनाते हैं. इस कस्बे की महिलाएं न तो करवा चौथ पर व्रत रखती है और ना ही कोई खास पूजा अर्चना की जाती है. इन महिलाओं के लिए यहां  करवा चौथ का दिन भी सामान्य गिन की तरह ही होता है.

जानिए क्यों और किसने दिया था श्राप-

दरअसल, इस कस्बे के लोगों को लोगों का मानना है कि, एक बार इस कस्बे में एक बहुत बड़ी घटना हुई थी. नौहझील गांव का एक ब्राह्मण लड़का अपनी नई शादी हुई पत्नी को ससुराल से विदा करके अपने घर को लौट रहा था. उस दौरान रास्ते में इसी कस्बे के कुछ लोगों ने उसकी भैंस बग्गी को खुद की बता कर उससे लड़ने लगा. इस झगड़े में कस्बे के लोगों ने उस लड़के की मार-मार कर हत्या कर दी. उस दिन करवा चौथ का त्यौहार था. पति की मौत के बाद ब्राह्मण की पत्नी ने गुस्से से श्राप दिया कि, अगर कोई भी औरत अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखेंगी तो उसके पति की मृत्यु हो जाएगी.

यहां की महिलाएं नहीं करती हैं सोलह श्रृंगार-

कहा जाता है कि, ब्राह्मण की पत्नी ने अपने पति को मरा हुआ देख बहुत गुस्से में आ गई. उसके बाद उसने मोहल्ले की सारी औरतों को श्राप दिया कि, जिस तरह मैं अपने पति के शव के साथ सती हो रही है उसी तरह मोहल्ले की कोई भी औरत अपने पति के सामने सज-धज यानी सुहागन नहीं रह पाएगी. लोगों का कहना है कि, इस घटने के बाद कई महिलाएं विधवा हो गई थी. जिसके बाद इस घटना को बुजुर्गों ने सती के क्रोध का प्रभाव माना और लोगों को सती से क्षमा मांगने और मोहल्ले में एक मंदिर बनवाने को कहा. वहीं अब लोगों का मानना है कि यहां औरते अब कम विधवा हो रही है लेकिन आज भी वहां करवा चौथ का व्रत नहीं मनाया जाता है.

First Updated : Monday, 30 October 2023