छत्‍तीसगढ: सुकमा जिले में नक्‍सली वारदात, पहले मजदूरों को बेरहमी से पीटा, फिर दूरसंचार के कार्य में लगे एक वाहन में लगाई आग

प्रदेश के नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर नक्‍सली वारदात को अंजाम दिया है। मिली खबर के मुताबिक कोंटा थाना क्षेत्र अंतर्गत बंडा के समीप नक्‍सलियों ने दूरसंचार कार्य में लगे एक वाहन में आग लगा दी है

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छत्‍तीसगढ़। प्रदेश के नक्‍सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर नक्‍सली वारदात को अंजाम दिया है। मिली खबर के मुताबिक कोंटा थाना क्षेत्र अंतर्गत बंडा के समीप नक्‍सलियों ने दूरसंचार कार्य में लगे एक वाहन में आग लगा दी है। बताया यह भी जा रहा है कि वाहन में आगजनी से पूर्व नक्‍सलियों ने दूरसंचार कार्य में लगे मजदूरों की बेरहमी से पिटाई भी की। हालांकि अभी तक इस घटना की कोई भी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि यह नक्‍सली वारदात कोंटा थाना क्षेत्र अंतर्गत की बताई जा रही है।

पर्यटकों को नक्सलियों ने तीन घंटे तक रोका फिर छोड़ा -

बता दें कि छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर संभाग में नक्‍सलियों द्वारा उत्‍पात लगातार जारी है। वहीं छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के सीमा पर स्थित हांदावाड़ा जलप्रपात इन दिनों प्राकृतिक सुंदरता और अपनी खूबसूरती के लिए पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्ध हो रहा है। बता दें कि शनिवार के दिन कुछ स्थानीय पर्यटक हांदावाड़ा पहुंचे तो नक्सलियों ने उन्हें जलप्रपात से पांच किलो मीटर पहले स्थित आश्रम के समीप रोक लिया।

बताते चलें कि नक्सलियों ने लगभग तीन घंटे तक पर्यटकों को रोक कर रखा, फिर इसके बाद उन्हें छोड़ दिया। वहीं इनमें से कुछ पर्यटक हांदावाड़ा जलप्रपात देखने के लिए गए तो कुछ पर्यटक वहीं से लौट आए। जानकरी के अनुसार वहां से लौटे पर्यटकों ने अपने इस अनुभव को बताया तब जाकर इसकी जानकारी लोगों को मिली।

वहीं वापस आए पर्यटकों ने बताया कि नक्सलियों ने उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और ना ही उन्हें वहां पर कोई खतरा महसूस हुआ। इसलिए वहां पर दोबारा जाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। जलप्रपात बहुत ही खूबसूरत है और देश- दुनिया के पर्यटकों को वहां जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन को वहां पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार करने की जरूरत है। आपको यहां पर बता दें कि इंद्रावती नदी के दूसरी ओर यह नक्सलियों का आधार क्षेत्र है।

नक्सलियों ने इसके बाद भी यहां कभी भी किसी पर्यटक को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। वहीं हांदावाड़ा के ग्रामीणों ने इस संबंध में कहा कि पर्यटकों को बंधक बनाए जाने से संबंधी कोई जानकारी नहीं है। यह भी हो सकता है कि कुछ शरारती तत्वों ने इन पर्यटकों को रोका हो।

First Updated : Wednesday, 01 March 2023