ग्वालियर: सिल्वर एस्टेट गोलीकांड, आरोपी बोला दस दिन से कर रहे थे प्लानिंग

ग्वालियर शहर की पाश हाउसिंग सोसायटी सिल्वर एस्टेट में हुए गोलीकांड के लिए आरोपितों ने दस दिन तक रैकी की थी। पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपित ने पूछताछ में खुलासा किया है कि, जब यह लोग सोसायटी में पहुंचे तब विक्रम मोबाइल पर बात कर रहा था। कुल चार लोग इस वारदात में शामिल थे।

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ग्वालियर, मध्यप्रदेश। ग्वालियर शहर की पाश हाउसिंग सोसायटी सिल्वर एस्टेट में हुए गोलीकांड के लिए आरोपियों ने दस दिन तक रैकी की थी। पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि, जब यह लोग सोसायटी में पहुंचे तब विक्रम मोबाइल पर बात कर रहा था। कुल चार लोग इस वारदात में शामिल थे।

वहीं आरोपी ने बताया कि, उन लोगों को लगा था कि डॉक्टर घर पर नहीं होगा। इसलिए वे उस समय पहुंच गए और लूट करने के इरादे से घंटी बजाई। तभी डॉक्टर बाहर आ गया, प्लान फेल नहीं हो इसके चलते अंदर घुसने की कोशिश की। मगर डॉक्टर हमसे भिड़ गया, इसलिए गोली चल गई।

जानकारी के अनुसार सिटी सेंटर स्थित सिल्वर एस्टेट हाउसिंग सोसायटी की आठवीं मंजिल पर फ्लैट नंबर 803 में डॉ. राजेश गुप्ता रहते हैं। 1 नवंबर को वह अपनी क्लीनिक से घर लौटे, राजेश पत्नी और बेटी के साथ फ्लैट के अंदर ही थे। रात करीब 10 बजे अचानक घर की डोरबेल बजने लगी।

राजेश ने पहले अंदर से देखा तो दो युवक दिखे, दोनों ने मुंह पर मास्क लगा रखा था। दोनों युवक अंजान थे, इसलिए उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। लेकिन जब दोबारा डोरबेल बजी तो वह दरवाजे की तरफ गए और दरवाजा खोल दिया। जब झांककर देखा तो दोनों युवकों ने नौवी मंजिल पर रहने वाले एक युवक का नाम लिया, जब राजेश ने दरवाजा बंद किया तो वे दोनों अंदर घुसने लगे।

जब डॉ. राजेश गुप्ता ने उन्हें रोका तो गोली चला दी, गोली उनके हाथ में लगी। लगभग एक महीने तक लगातार पुलिस पड़ताल में लगी रही, तभी करीब 50 हजार मोबाइल नंबरों की पड़ताल के बाद उनको एक सुराग मिला। यहीं से पुलिस की सायबर और यूनिवर्सिटी थाने की टीम लगी, इसके बाद एक आरोपी को पकड़ लिया गया।

वारदात में शामिल कुलदीप परमार निवासी मुरैना को गिरफ्तार कर लिया। जबकि वारदात का मास्टरमाइंड विक्रम सिकरवार और उसका भाई फरार है। तीनों आरोपी आपस में फुफेरे और ममेरे भाई हैं। पुलिस को कुलदीप ने बताया कि दस दिन तक सोसायटी के अंदर घूमे और बाहर से भी रैकी करते रहे।

वहां रह रहे परिवारों के बारे में विक्रम को पहले से जानकारी थी। इसलिए रैकी कर चार परिवार चिन्हित किए। डॉ. राजेश गुप्ता के यहां अगर नहीं जाते तो इनका नौवी मंजिल पर दूसरी फैमिली को टारगेट करने का प्लान था।

First Updated : Tuesday, 06 December 2022