कोसली: शिक्षा के साथ-साथ जवान और किसान भी सरकार के निशाने पर

पिछले साढ़े आठ वर्षों में भाजपा के कार्यकाल के दौरान न तो शिक्षकों की कोई भर्ती हुई और न ही कोई नया स्कूल या यूनिवर्सिटी खुली। जबकि कांग्रेस के दस वर्षों में एक लाख शिक्षकों की भर्ती की गई थी।

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संबाददाता- राजीव मेहता (कोसली, हरियाणा)

हरियाणा। पिछले साढ़े आठ वर्षों में भाजपा के कार्यकाल के दौरान न तो शिक्षकों की कोई भर्ती हुई और न ही कोई नया स्कूल या यूनिवर्सिटी खुली। जबकि कांग्रेस के दस वर्षों में एक लाख शिक्षकों की भर्ती की गई थी। लेकिन अब स्कूलों को अपग्रेड करना या नए स्कूल कालेज खुलना तो बड़े दूर की बात है, जो बचे खुचे कुछ सरकारी स्कूल हैं, उन पर भी आए दिन ताला बन्दी और शिक्षकों की कमी बड़े दुर्भाग्य की बात है।

कुल मिलाकर शिक्षा और जवान व किसान सभी सरकार के निशाने पर हैं, यह कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंदर हुड्डा का जो बाल्मीकि जयंती से पूर्व बाल्मीकि समाज के बुलावे पर कोसली मे महर्षि बाल्मीकि मंदिर में मत्था टेकने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

उन्होंने बीमा फसल योजना के सवाल पर कहा कि सरकार के संरक्षण में चल रही कुछ निजी बीमा कम्पनियों के कारण आज किसान को उनकी खराब हुई फसलों का मुआवजा तक नही मिल पा रहा, जिससे किसान बहुत परेशान है।

उन्होंने कहा कि इनकी सरकार से गुजारिश है, कि वह किसान की बर्बाद हुई फसलों का जल्द से जल्द मुआबजा बीमा कंपनियों से दिलवाए। क्योंकि बीमा कंपनियों को सबसे अधिक लाभ किसानों द्वारा करवाए गए बीमे से ही होता है, जो पिछले वर्ष करीब चालीस करोड़ था। उन्होंने कहा कि हर विभाग का निजीकरण करना किसी भी सूरत में उचित नहीं।

First Updated : Monday, 03 October 2022