केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए नोएडा की डीसीपी डॉ. मीनाक्षी कात्यायन समेत 12 IPS अधिकारी की सूची जारी

केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 12 आईपीएस अधिकारियों की एक सूची जारी की है। प्रदेश सरकार ने यह सूची केंद्र सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक मंत्रालय को भेजी है।

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रिपोर्टर- विनय जोशी 

नोएडा: केंद्रीय प्रतिनियुक्त पर भेजने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 12 आईपीएस अधिकारियों की एक सूची जारी की है। प्रदेश सरकार ने यह सूची केंद्र सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक मंत्रालय को भेजी है। इस सूची में नोएडा की डीसीपी डॉ. मीनाक्षी कात्यायन और गौतमबुद्ध नगर में बतौर एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के पद पर रह चुकी सुजाता सिंह का नाम भी शामिल हैं। वहीं, इससे पहले गौतमबुद्ध नगर के डिप्टी पुलिस कमिश्नर के पद पर रह चुके लव कुमार को भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेजा जा चुका है।

प्रदेश सरकार ने साल 1990 से लेकर 2016 बैच तक के करीब 12 आईपीएस अधिकारियों की एक सूची केंद्र सरकार को भेजी है। इस सूची में साल 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी अंजू गुप्ता और संदीप सालुंके सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। साल 1993 बैच के 2 आईपीएस अधिकारी जकी अहमद और सुनील कुमार गुप्ता का नाम भी इस सूची में शामिल है। साल 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी एलवी एंटनी देवकुमार, साल 1995 बैच के रवि जोसेफ लोक्कू, 1997 बैच के भजनी राम मीणा, साल 2003 बैच के मोदक राजेश डी राव, साल 2010 बैच के सत्येंद्र कुमार, साल 2012 बैच की आईपीएस अधिकारी सुजाता सिंह, साल 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी डॉ. मीनाक्षी कात्यायन और साल 2016 बैच के बोत्रे रोहन प्रमोद का नाम भी इस सूची में शामिल किया गया है। इन सभी आईपीएस अधिकारियों के नाम की एक सूची प्रदेश सरकार ने केंद्रीय नियुक्ति एवं कार्मिक मंत्रालय के पास भेजी है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास आईपीएस अधिकारियों की कमी

केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास आईपीएस अधिकारियों की भारी कमी है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों को पत्र भेजा था। केंद्र सरकार ने पत्र में लिखा था कि राज्य सरकारें आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने से परहेज बरत रही हैं। जिन भी आईपीएस अधिकारी खुद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आना चाहते हैं तो उन्हें भी आसानी से कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है। यह प्रवृत्ति राज्य सरकारों की ठीक नहीं है। इसकी वजह से पैरामिलिट्री फोर्स और गृह मंत्रालय के दूसरे विभागों में आईपीएस अधिकारियों की भारी कमी है।

First Updated : Thursday, 16 March 2023