तेलंगाना राज्य का जब गठन हुआ था तो सीएम केसीआर का ध्यान मुख्य रूप से किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र पर था। साल 2014 में राज्य में खेती का क्षेत्रफल 1.34 करोड़ एकड़ था जो अब बढ़कर 2.03 करोड़ एकड़ हो गया है। इसी तरह 2014 में अनाज का उत्पादन 68 लाख टन था लेकिन वर्तमान में यह बढ़कर 2.49 करोड़ टन हो गया है। देश के किसान खुलेआम मांग कर रहे हैं कि तेलंगाना में जो योजनाएं वहां के किसानों के लिए चलाई जा रही है वे पूरे देश में लागू हों।
रायथु बंधु योजना के तहत सरकार फसल निवेश सहायता के तहत प्रति वर्ष 10,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से किसान के स्वामित्व वाली पूरी भूमि के प्रदान करती है। इस योजना के तहत अब तक नौ किश्तों में 57,882 करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में जमा किए जा चुके है। जबकि 10वीं किश्त की राशि इस महीने के अंत में किसानों के खाते में डाली जाएगी। अब तक राज्य सरकार की तरफ से रायथु बंधु पर 65,482 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। इस योजना से हर साल करीब 65 लाख किसान लाभान्वित होते हैं।
यदि किसान की किसी भी कारण से मौत हो जाती है राज्य सरकार उस परिवार को किसान बीमा योजना के तहत हर महीने 1000 रुपये देगी। अब तक 93,170 किसान परिवारों को रुपये मिल चुके हैं। 4658.50 करोड़ बीमा के रूप में प्रदान किए गए। रायथु बीमा के प्रीमियम का भुगतान भी सरकार द्वारा किसानों की ओर से किया जाता है।
प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को खो चुके किसानों को तेलंगाना सरकार फसल बीमा के तहत मुआवजा प्रदान करती है। साल 2014-15 से 2019-20 तक विभिन्न जिलों के 20.98 लाख किसानों को 2462.83 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया जा चुका है जिन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के कारण अपनी फसल खो दी थी। सरकार ने कालेश्वरम के निर्माण के साथ-साथ लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। तेलंगाना एकमात्र राज्य है जो किसानों को 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण मुफ्त बिजली प्रदान करता है।
First Updated : Monday, 20 February 2023