इटावा में 7 वर्षीय बच्चे की गले में बेर की गुठली फंसने से मौत

उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा के थाना बसरेहर क्षेत्र के अंतगर्त यासीनगर गांव में सात साल के मासूम की बेर खाने के बाद बेर की गुठली सांस की नली में फंसने से मौत हो गई। मृतक सात वर्षीय मासूम कक्षा दो का छात्र था और स्कूल से घर लौटते समय रास्ते में बेर के पेड़ से बेर तोड़कर खा लिए थे जिसके बाद घर वालो से उसने गले में

calender

इटावा। उत्तर प्रदेश के जनपद इटावा के थाना बसरेहर क्षेत्र के अंतगर्त यासीनगर गांव में सात साल के मासूम की बेर खाने के बाद बेर की गुठली सांस की नली में फंसने से मौत हो गई। मृतक सात वर्षीय मासूम कक्षा दो का छात्र था और स्कूल से घर लौटते समय रास्ते में बेर के पेड़ से बेर तोड़कर खा लिए थे जिसके बाद घर वालो से उसने गले में कुछ अटके होने की शिकायत की थी मासूम के परिजनो ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन डॉक्टरों ने लाख कोशिश करने के बाद भी मासूम की जान नही बचा पाई।

मृतक छात्र के पड़ोसी जयवीर सिंह ने बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाला सात वर्षीय अंश कक्षा दो का छात्र था और शनिवार को वह स्कूल से लौटने के बाद गले में कुछ अटका होने की शिकायत कर रहा था जिसके बाद उसे स्थानीय डॉक्टर के यहां पर ले जाया गया और गले का एक्सरे करवाने के बाद उसके गले बेर की गुठली फसी होने की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि अंश को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और वहां पर उसकी हालत बिगड़ने पर उसे सैफई रेफर कर दिया गया सैफई ले जाते समय अंश ने रास्ते में दम तोड दिया सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने अंश को मृत घोषित कर दिया है।

जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि अक्सर मासूम बच्चे बेर खाते समय उसकी गुठली को निगल जाते है और यदि समय रहते उनके गले का आपरेशन कर दिया जाएं तो जान बचाना संभव होता है और इलाज में देरी होने पर मासूम की जान चली जाती है।

First Updated : Sunday, 12 February 2023
Topics :