Viral News: 1947 के विभाजन ने अनगिनत लोगों को उनके घर से बिछड़ने पर मजबूर कर दिय. भारत विभाजन के समय लोगों को नए घरों में जाते समय अपना कीमती सामान छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालाँकि, भाग्य के एक हृदयविदारक मोड़ में, कुछ लोग वर्षों से अपने अतीत के टुकड़ों के साथ फिर से जुड़ने का मौका मिल रहा है. ऐसी ही एक कहानी लाहौर के प्रोफेसर अमीन चौहान की है, जिन्हें भारत में अपने पुराने घर से एक अनमोल अवशेष मिला है.
प्रोफेसर अमीन चौहान को उनके भारत के दोस्त पलविंदर सिंह ने उन्हें उनके पिता के घर का दरवाजा भेंट किया है. यह भावनात्मक क्षण एक वीडियो में कैद हो गया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
यह कोई आम दरवाजा नहीं बल्कि घर और यादों का प्रतीक है. यह दरवाजा बटाला से मुंबई, फिर दुबई, कराची और अंत में लाहौर तक लंबा सफर तय करने के बाद प्रोफेसर के घर पहुंचा जहां वह रहते हैं. यादों और इतिहास से भरा यह दरवाजा प्रोफेसर चौहान को उनके भारत के दोस्त बलविंदर सिंह ने साझा विरासत और दोस्ती के संकेत के रूप में दिया था जो विभाजन की सीमाओं और घावों से परे है.
जैसे ही प्रोफेसर चौहान ने इस दरवाज़ा की पुरानी लकड़ी को देखकर उनकी आँखों में आँसू भर आए. इस दरवाजे को देख उन्हें इस घर में बिताए सभी यादों ताजा हो गई. यह उन अटूट बंधनों का एक वास्तविक अनुस्मारक था जो विभाजन द्वारा बनाए गए विभाजनों को पार करते हुए, सीमाओं के पार लोगों को जोड़ता है.
दरअसल, प्रोफेसर अमीन चौहान को उनके भारत के दोस्त पलविंदर सिंह ने उन्हें उनके पिता के घर का दरवाजा भेंट किया है जो भारत-पाक विभाजन के समय भारत के हिस्से में चला गया था. यह दरवाजा उस घर का है जिसमें प्रोफसर ने अपना बचपन गुजारा लेकिन भारत विभाजन के बाद उन्हें इससे अलग होना पड़ा. वहीं अब इस दरवाजे को उनके दोस्त ने उन्हें गिफ्ट किया जिसे देखने के बाद वह भावुक हो गए.
First Updated : Sunday, 14 April 2024