Bade ghulam Ali Khan: बड़े गुलाम अली खां, ये नाम अपने आप में महान है. ये वो नाम है जिसे चाहकर भी लोग भुला नहीं सकते हैं. इनके बारे में कहा जाता है कि यह दरवेश टाइप के सिंगर थे जो जंगलों में भी चले गए थे. दिलचस्प बात यह है कि, बड़े गुलाम अली साहब फिल्मों के लिए गाना नहीं गाया करते थे. हालांकि जब 60 के दशक में के.आसिफ की फिल्म मुगले आजम बनी तो ये कसम भी टूट गई.

उस्ताद बड़े गुलाम अली खान का जन्म 1902 में ब्रिटिश भारत के तत्कालीन पंजाब प्रांत के कसूर में हुआ था. 1947 में भारत के विभाजन के बाद, कसूर तहसील को पाकिस्तान को दे दिया गया. पांच साल की उम्र में बड़े गुलाम ने अपने चाचा काले खां और बाद में अपने पिता से गायन का प्रशिक्षण लेना शुरू किया. उनके तीन छोटे भाई थे जिनके नाम बरकत अली खान , मुबारक अली खान और अमानत अली खान थे.

बड़े गुलाम अली खान के संगीत करियर की शुरुआत की बात करे तो उन्होंने अपने दिवंगत पिता अली बक्श खान और चाचा काले खान की कुछ रचनाएं गाकर की थी, बड़े गुलाम ने तीन परंपराओं में से सर्वश्रेष्ठ को अपनी पटियाला-कसूर शैली में समाहित कर लिया.