Kishore Kumar Birthday: कुछ इस अंदाज में मल्टीटेलेंटेड किशार कुमार ने महमूद से लिया था अपना बदला, जानें यह मजेदार किस्सा

Kishore Kumar Birthday: किशोर कुमार असल ज़िंदगी में भी काफी मज़ाकिया स्वभाव के थे और उनके इस अंदाज़ से उनके आस - पास के लोग उन्हें काफी पसंद भी करते थे. 4 अगस्त 1929 को जन्में मल्टीटेलेंटेड किशोर कुमार का आज जन्मदिन है

calender

जो शख्स हर किसी काम में बेहतर होता है उसे हम मल्टीटेलेंटेड यानी के बहुमुखी प्रतिभा के धनी नाम दें तो कोई गलत नहीं होगा. इसमें हम भारतियों का नाम सबसे अव्वल दर्जे पर आता है. आये भी क्यों न भला जब हमारे पास किशोर कुमार जैसे मल्टीटेलेन्टेड कलाकार जो ठहरे. जी हां! वहीं किशोर कुमार जो एक बढ़िया गायक, एक्टर, कॉमेडियन , निर्देशक और निर्माता भी हैं. 

किशोर कुमार के पास इतने हुनर होने के बावजूद उन्होंने कभी घमंड नहीं किया, वह असल ज़िंदगी में भी काफी मज़ाकिया स्वभाव के थे और उनके इस अंदाज़ से उनके आस - पास के लोग उन्हें काफी पसंद भी करते थे. 4 अगस्त 1929 को जन्में मल्टीटेलेंटेड किशोर कुमार का आज जन्मदिन है. इस खास मौके पर उनसे जुड़े कुछ खास किस्सों को आज हम याद करते हैं, जो उनके मज़ाकिया स्वभाव से जुड़ा हुआ है. 

2 साल बाद महमूद से किशोर कुमार ने लिया था बदला 

इस बात से पूरी इंडस्ट्री वाक़िफ है कि जब - जब किशोर कुमार की कोई बातें सामने आती तो लोगों की हंसी छूट जाती है. अब इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं की किशोर कुमार किस हद तक मज़ाकिया इंसान थे. किशोर दा जब किसी से बदला लेने की ठान लेते थे तो वह चाहे कितना भी समय  क्यों न निकल जाये वह अपना बदला जरूर पूरा करके रहते थे. जिसका एक जीता - जाता सबूत है उनका यह किस्सा.

यह बात है साल 1966 की जब फिल्म 'प्यार किए जा' रिलीज हुई थी. उस फिल्म के लिए मेहमूद ने किशोर दा से ज़्यादा फीस की डिमांड की थी, जो किशोर दा को बिलकुल भी पसंद नहीं आई थी. इसके दो साल बाद साल 1968 में बनने वाली फिल्म ' पड़ोसन' में किशोर दा ने उनसे डबल फीस लेकर मेहमूद से अपना बदला पूरा कर लिया था. 

रिटायरमेंट के बाद इस जगह बसना चाहते थे किशोर दा 

किशोर दा का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खण्डवा नामक शहर में हुआ था. उनके पिता एक जाने - माने वकील थे जिनका नाम ' कुंजीलाल गांगुली' था. बता दें कि किशोर कुमार का असली ना ' आभास कुमार गांगुली' था. 4 भाई - बहनों से वह चौथे नंबर पर थे. किशोर कुमार ने अपने जीवन में हर समय खण्डवा को ही याद किया. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि वह रिटायरमेंट के बाद खण्डवा में ही जाकर शिफ्ट हो जाएंगे.  लेकिन अफ़सोस की बात रही कि उनकी यह इच्छा पूरी न हो सकी और 13 अक्टूबर 1987 में उनका निधन हो गया. इच्छा के अनुसार किशोर दा का अंतिम संस्कार खण्डवा में ही किया गया था. First Updated : Friday, 04 August 2023