धर्म की ख़बरें

Tuesday, 20 May 2025
रावण की बेटी कौन थी? जानिए किसे सौभाग्य की देवी मानते हैं थाईलैंड और कंबोडिया के लोग


Monday, 19 May 2025
कालाष्टमी के दिन क्या करें और क्या न करें? जानिए पूजा के सही नियम और उपाय
कालाष्टमी 2025 का त्योहार कल 20 मई को मनाया जाएगा, जो भगवान काल भैरव की पूजा और व्रत के लिए बेहद शुभ माना जाता है. यह दिन भय और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के साथ-साथ शनि और राहु के दोषों को कम करने में भी मददगार होता है.

Monday, 19 May 2025
नीम करोली बाबा ने बताई वो 3 गलतियां जो बन सकती हैं आपकी आर्थिक परेशानियों की वजह!
अगर बार-बार पैसे की तंगी, मन की बेचैनी या जीवन में उलझनें महसूस हो रही हैं तो हो सकता है आप भी अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर रहे हों, जिनसे नीम करोली बाबा ने साफ मना किया था. बाबा के बताए ये संकेत ना सिर्फ आपकी सोच बदल सकते हैं बल्कि जीवन को भी सही दिशा दे सकते हैं.


Sunday, 18 May 2025
Nirjala Ekadashi 2025: दीपक जलाने से मिलेगा सुख और समृद्धि का आशीर्वाद!
निर्जला एकादशी, जिसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है, भगवान विष्णु की उपासना का खास दिन है. इस दिन उपवास रखने से जहां मनोकामनाएं पूरी होती हैं, वहीं 24 एकादशी का पुण्य भी मिलता है. इस खास दिन के साथ जुड़ी कुछ चमत्कारी उपायों के बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Sunday, 18 May 2025
Ganga Dussehra 2025: इन राशियों के लिए शुरू होंगे अच्छे दिन, मिलेगा निवेश में लाभ
गंगा दशहरा 2025 पर मेष और कन्या राशियों के लिए अच्छे दिन आ रहे हैं. इस बार खास ग्रहों के योग बन रहे हैं, जिससे इन राशियों के जातकों को सुख-समृद्धि और सफलता मिलेगी. निवेश में लाभ होगा, काम में रुकावटें दूर होंगी और सेहत में भी सुधार होगा. जानिए कैसे गंगा दशहरा के दिन ग्रहों की शुभ स्थिति से आपको मिल सकते हैं खास फायदे. क्या आपके लिए भी यह दिन खास होगा? पढ़िए पूरी खबर!

Saturday, 17 May 2025
400 रुपये में गुजारा करते हैं प्रेमानंद महाराज, फिर आश्रम में कहां से आता है इतना धन?
वृंदावन के प्रसिद्ध संत और विराट कोहली के आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज जी के दर्शन और प्रवचन सुनने के लिए हर दिन हजारों श्रद्धालु जुटते हैं. मथुरा स्थित उनके आश्रम में मुफ्त भोजन और धार्मिक गतिविधियां नियमित होती हैं, जिनका खर्च भक्तों द्वारा दिए गए दान और आयोजनों से चलता है.

Saturday, 17 May 2025
Vat Savitri Vrat 2025: पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है व्रत, जानिए क्यों दो बार मनाया जाता है वट सावित्री व्रत?
Vat Savitri Vrat 2025: जानिए क्यों एक ही व्रत साल में दो बार रखा जाता है! वट सावित्री व्रत 2025 में किस तारीख को है और इसके पीछे की रोचक परंपरा क्या है? पूरी जानकारी आपको चौंका सकती है!

Friday, 16 May 2025
Sawan 2025: कब से शुरू हो रहा है सावन? जानें तारीख, महत्व और खास बातें
Sawan 2025: सावन 2025 की शुरुआत इस साल 11 जुलाई से होने जा रही है और इसका समापन 9 अगस्त को होगा. हिंदू धर्म में यह महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है और इसमें की गई पूजा-अर्चना से विशेष फल की प्राप्ति होती है. शिवभक्त इस दौरान व्रत, रुद्राभिषेक और विशेष अनुष्ठानों के जरिए भगवान शिव की कृपा पाने का प्रयास करते हैं.


Thursday, 15 May 2025
ज्येष्ठ माह 2025: जानें इस पवित्र हिंदू महीने का महत्व, पूजा विधि, क्या करें और क्या ना करें
ज्येष्ठ मास, जो 13 मई से शुरू हुआ है, अत्यधिक गर्मी और जल के महत्व के लिए जाना जाता है. इस महीने में विशेष पूजा, जल दान और व्रत किए जाते हैं, जो ग्रह दोषों से मुक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम माने जाते हैं.

Thursday, 15 May 2025
बलूचिस्तान में देवी सती का पवित्र स्थल, क्या पाकिस्तान की धरती पर है एक शक्ति पीठ?
बलूचिस्तान के रेगिस्तान में बसा है एक ऐसा मंदिर, जिसे लोग 'नानी का मंदिर' कहते हैं और माना जाता है कि यहां देवी सती का सिर गिरा था! ये जगह सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि भारत-पाक की सांझी विरासत की एक मिसाल है. लेकिन उसी धरती पर आज चल रही है हिंसा और तनाव की कहानी. पूरा सच जानकर आप भी चौंक जाएंगे!

Wednesday, 14 May 2025
इस बार खास क्यों है निर्जला एकादशी? जानिए शुभ योग और ग्रहों का संयोग
Nirjala Ekadashi 2025: इस वर्ष 6 जून को पड़ रही निर्जला एकादशी न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि ज्योतिषीय रूप से भी बेहद खास मानी जा रही है. इस दिन बन रहे शुभ ग्रह संयोग कुछ राशियों के लिए अपार लाभ, समृद्धि और सफलता के द्वार खोल सकते हैं.

Wednesday, 14 May 2025
जिसे कौरवों ने कभी भाई नहीं माना, वही बना उनका धर्माधिकारी, निभाया अंतिम संस्कार का धर्म
महाभारत की महागाथा में युयुत्सु एक ऐसा पात्र है, जो मुख्यधारा में न होकर भी इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बना.धृतराष्ट्र का पुत्र होते हुए भी, गांधारी की संतान न होने के कारण उसे कभी कौरवों ने अपना नहीं माना.लेकिन जब युद्ध समाप्त हुआ और सभी कौरव मारे गए, तब युयुत्सु ने ही उनका अंतिम संस्कार कर धर्म और करुणा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया.