केंद्र सरकार ने नकली दवा बेचने वाली 18 कंपनियों के लाइसेंस किए रद्द, 26 कंपनियों को दिया कारण बताओ नोटिस
है। सरकार ने देश भऱ में नकली दवा और मिलावटी दवाओं का निर्माण करने वाली कंपनियों के सख्त कार्रवाई की है।
Pharmaceutical Companies : केंद्र सरकार देश की जनता के अच्छे स्वास्थ्य के लिए लगातार कदम उठाती आई है। लोगों के लिए नई-नई स्वास्थ्य योजनाओं की शुरुआत भारत सरकार हमेश करती है। ऐसे में जनता के स्वास्थ्य के लेकर कोई लापरवाही हो ये सरकार कैसे बर्दाश्त कर लेगी?
आपको बता दें कि देश में पिछले कुछ महीने से दवाओं में मिलावट या खराब क्वालिटी की दवाओं की खबरें को देखते हुए केंद्र सरकार ने इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने देश भऱ में नकली दवा और मिलावटी दवाओं का निर्माण करने वाली कंपनियों के सख्त कार्रवाई की है। सरकार 18 कंपनियों के लाइसेंस को कैंसिल कर दिया है।26 कंपनियों के दिया नोटिस
पिछले 15 दिनों की कार्रवाई के दौरान सरकार ने 18 दवा बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस को रद्द कर दिया है। वहीं 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा दी गई है। आपको बता दें कि यह कार्रवाई यह सभी कंपनियां नकली दवा व मिलावटी दवा बनाने शामिल हैं। केंद्र सरकार ने देश के 20 राज्यों में यह कार्रवाई की है।
लगातार हो रही जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने देश के 20 राज्यों में पिछले 15 दिनों में निरीक्षण किया है। इस दौरान 75 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया गया। आपको बता दें कि यह कार्रवाई केंद्र व राज्य सरकार की टीम ने मिलकर किया है। इसका उद्देश्य देश में नकली दवा और मिलावटी दवाओं के निर्माण को रोकना है।
203 कंपनियों की गई पहचान
मंत्रालय के मुताबिक इस निरीक्षण अभियान के तहत 2023 फार्मा कंपनियों की पहचान की गई। इनमें हिमाचल प्रदेश में 70 कंपनियां, मध्य प्रदेश में 23 और उत्तराखंड में 45 फार्मा कंपनियों की पहचान की गई। जिसके पहले चरण में 76 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया गया।
18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने के साथ 26 कंपनियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। आपको बता दें कि अगर फार्मा कंपनियों ने नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इतनी ही नहीं कंपनियों को निर्धारित समय से पहले जवाब देने को कहा गया है।
जारी रहेगी कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार खराब क्वालिटी की दवाओं के निर्माण को करने के लिए यह कार्रवाई लगातार की जाएगी। जानकारी के अनुसार राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, बिहार, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश समेत देश के 20 राज्यों में दवा निर्माताओं के खिलाफ एक्शन लिया गया है।
आपको बता दें कि नकली और मिलावटी दवाओं की जांच लगातार जारी रहेगी। सरकार देश के कोने-कोने में से ऐसी कंपनियों की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेगी।
दवाओं पर उठे सवाल
साल 2022 में उज्बेकिस्तान व गाम्बिया में कफ सिरफ पीने से तीन बच्चों की मौत हो गई। तब इसे भारत में बने होने की बात कही गई, जिसके बाद उज्बेकिस्तान ने यूपी के नोएडी में फार्मा कंपनी में काम करने वाले तीन वर्कर्स को गिरफ्तार कर लिया। आपको बता दें कि इन गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों पर नकली व मिलावटी दवा बनाने साथ ही उसे बेचने का आरोप था।
जिसके बाद कंपनी की दवाओं की जांच की गई और जांच में कंपनी की 22 दवाएं नकली व मिलावटी मिली। आपको बता दें कि इस घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की इमेज को काफी नुकसान पहुंचा।
जिसके बाद से देश में जो भी ऐसी कंपनियां या उनमें काम करने वाले कर्मचारी हैं उनके खिलाफ केंद्र सरकार कार्रवाई कर रही है। जिससे इन लोगों की वजह से किसी भी व्यक्ति के जान को खतरा न पहुंचे।