सम्मेद शिखरजी मामले में जैन समाज के विरोध प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
बीते कुछ दिनों से जैन समाज सम्मेद शिखरजी पर्वत को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहा था। दरअसल सम्मेद शिखर पर्वत को जैन समाज अपना पवित्र स्थल मानते है जिसको हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया। जिसके बाद पूरे जैन समाज में आक्रोश उत्पन्न हो गया था और पूरा जैन समाज सड़को पर उतरकर इसका विरोध प्रदर्शन करने लगा।
बीते कुछ दिनों से जैन समाज सम्मेद शिखरजी पर्वत को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहा था। दरअसल सम्मेद शिखर पर्वत को जैन समाज अपना पवित्र स्थल मानते है जिसको हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित कर दिया गया। जिसके बाद पूरे जैन समाज में आक्रोश उत्पन्न हो गया था और पूरा जैन समाज सड़को पर उतरकर इसका विरोध प्रदर्शन करने लगा। जिसके बाद आज केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी पर्वत को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन स्थल घोषित करने पर रोक लगा दी है।
इसको लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि, "सम्मेद शिखरजी पर्वत के आस-पास शराब, तेज आवाज में गाने और मांस की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा पर्यटन, इको टूरिज्म गतिविधियों पर भी तुरंत रोक लगाने का फैसला किया गया है।"
Met Jain community members who have been urging to protect the sanctity of Sammed Shikhar.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 5, 2023
Assured them that PM Shri @narendramodi ji’s government is committed to preserving and protecting the rights of Jain community over all their religious sites, including Sammed Shikhar. pic.twitter.com/MrxiB616PE
सरकार द्वारा दिये गए इस फैसले के बाद जैन समाज के लोगों में खुशी का माहोल है और उन्होंने सरकार के इस फैसले का धन्यवाद किया है। बता दे, झारखंड राज्य के गिरिहिड जिले में पारसनाथ की पहाड़ी में सम्मेद शिखरजी स्थित है। जिसको अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला पर्यटन घोषित कर दिया गया था।
इसी फैसले को वापिस लेने के लिए जैन समाज ने लगातार सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। जिसको सरकार ने समझा और अब वापिस भी लिया। साल 2019 में झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से सम्मेद शिखरजी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की थी और केंद्र ने इसको अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल घोषित भी कर दिया था। जिसके बाद अब झारखंड सरकार ने अधिसूचना जारी करके इसको पर्यटक स्थल घोषित कर दिया था।
इसकी घोषणा होने के बाद ही सम्मेद शिखरजी के आस-पास मीट-मांस की दुकाने खोलने की भी छूट दे दी गई थी बस इसी को लेकर जैन समाज ने इसका सड़कों पर उतकर विरोध-प्रदर्शन किया। सरकार ने जैन सामज को भरोसा दिलाया कि हमेशा जैन समाज की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखा जायेगा और भविष्य में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया जायेगा जिससे आप लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो। सरकार के फैसला वापिस लेने के साथ ही जैन समाज ने अपना आंदोलन भी खत्म कर दिया है।
ये खबर भी पढ़ें..............