लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी बने नए सेना प्रमुख, मनोज पांडे की लेंगे जगह
New Army Chief: लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 30 जून से अगले सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है. वर्तमान सेना प्रमुख जनरल मनोज सी पांडे पदमुक्त हो रहे हैं.

New Army Chief: केंद्र सरकार ने मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को अगला सेना प्रमुख घोषित किया. रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 30 जून को वर्तमान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे से कार्यभार ग्रहण करेंगे. बयान में कहा गया है कि 30वें सेना प्रमुख के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी सेना उप प्रमुख, उत्तरी सेना कमांडर, डीजी इन्फैंट्री और बल में कई अन्य कमांड नियुक्तियों के बाद कार्यभार संभालेंगे.
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मध्यप्रदेश के रीवा जिले में स्थित सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है. उपेंद्र द्विवेदी को दिसंबर 1984 में जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 18वीं बटालियन में कमीशन मिला था. बाद में उन्होंने उसी यूनिट की कमान भी संभाली. 39 साल से ज़्यादा के अपने सैन्य करियर में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने उत्तरी सेना कमांडर, डीजी इन्फ़ेंट्री और बल में कई अन्य कमांड नियुक्तियों सहित विभिन्न भूमिकाओं में काम किया.
The Government has appointed Lt. General Upendra Dwivedi, PVSM, AVSM presently serving as Vice Chief of the Army Staff as the next Chief of the Army Staff with effect from the afternoon of 30th June. The present Chief of the Army Staff, General Manoj C Pande, PVSM, AVSM, VSM… pic.twitter.com/Pyef8Klciq
— ANI (@ANI) June 11, 2024
सीमाओं पर राइजिंग स्टार कोर की कमान संभाली
उपेंद्र द्विवेदी सेना मुख्यालय में उप प्रमुख के रूप में भी काम कर चुके हैं और हिमाचल प्रदेश में 9वीं कोर के प्रमुख भी रह चुके हैं. वे इन्फैंट्री के महानिदेशक भी रह चुके हैं. इसके साथ ही उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमाओं पर राइजिंग स्टार कोर की कमान भी संभाली है. उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर चुनौतीपूर्ण माहौल में उत्तरी सेना की कमान संभाली. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधी अभियानों के संचालन के अलावा, उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर रणनीतिक मार्गदर्शन भी किया.
कई महत्वपूर्ण पदों पर किया काम
इसके साथ ही उपेंद्र द्विवेदी का नाम सीमा विवाद मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन के साथ बातचीत में भी शामिल है. इन्होंने भारतीय सेना की सबसे बड़ी कमान के आधुनिकीकरण में भी अपना योगदान दिया हैं. साथ ही माउंटेन डिवीजन, स्ट्राइक कोर और सेना मुख्यालय में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. सुरक्षाबलों को आधुनिक हथियारों से लैश कराने के मामले में भी उनका योगदान रहा है.