Chaiti Chhat 2023: चैती छठ क्यों मनाते हैं, क्या है इसके पीछे का रहस्य

हिंदू धर्म का पवित्र पर्व यानी नवरात्र जिस पावन समय में शुरु होते हैं, ठीक उसी के बीच में बिहार, नेपाल और बंगाल में इसी तरह की एक परंपरा शुरु होती है। इस दौरान छठ पूजा, यानी कि सूर्यषष्ठी व्रत करना लोगों को काफी पसंद होता है।जो भी व्यक्ति इस पावन पर्व को करता है उस छठ माता साथ ही भगवान सूर्यदेव की पूजा करनी पड़ती है।

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हिंदू धर्म का पवित्र पर्व यानी नवरात्र जिस पावन समय में शुरु होते हैं, ठीक उसी के बीच में बिहार, नेपाल और बंगाल में इसी तरह की एक परंपरा शुरु होती है। इस दौरान छठ पूजा, यानी कि सूर्यषष्ठी व्रत करना लोगों को काफी पसंद होता है।जो भी व्यक्ति इस पावन पर्व को करता है उस छठ माता साथ ही भगवान सूर्यदेव की पूजा करनी पड़ती है।

मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि नहाय-खाय और खरना के साथ व्रत की शुरुआत की जानी चाहिए। इसके बाद दो दिन शाम और सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य देना बेहद जरूरी है। शास्त्रों मे कहा गया है कि चैत्र मास में होने के कारण इसे चैती छठ के नाम से जाना जाता है।

आप सभी ने कार्तिक माह में पड़ने वाली छठ का भी नाम जरूर सुना होगा, लेकिन आप लोगों में से कई ऐसे लोग भी होंगे जिन्होंनें चैती छठ के बारे में कम सुना होगा।जिस तरह कार्तिक माह की छठ महत्वपूर्ण होती है ठीक उसी प्रकार चैत्र की चैती छठ भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।छठ पर्व का सीधा संबंध सूर्यदेव की उपासना से जुड़ा होता है।इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा का भी काफी महत्व दिया जाता है।

छठ पूजा की शुरुआत कैसी हुई?

शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि चैत्र नवरात्र के पहले दिन को सृष्टि का प्रथम दिन माना जाता है। इसी दिन ब्रह्मा जी ने अपनी इच्छा से सृष्टि का निर्माण कर प्रकट करने का फैसला किया था। संसार बनने के साथ ही उनमें काफी अंधकार था।

उस समय सिर्फ जल ही जल था, इसी जल में योगमाया के बंधन में बंधे हुए श्रीहरि शयन कर रहे थे। ब्रह्मांड के निर्माण की प्रक्रिया में छठवें दिन सौरमंडल का निर्माण किया गया था। श्रीहरि के नेत्र खुलते ही सूर्य और चंद्र बने, इसके साथ योगमाया ने ब्रह्मा की ब्राह्मी शक्ति से जन्म लिया, जिनका नाम देवसेना रखा गया था।

शास्त्रों के अनुसार देवसेना को सूर्य की पहली किरण कहा जाता है इस तरह सूर्य देव और देवसेना आपस में भाई-बहन बन गए। संसार को प्रकाश और ऊर्जा की शक्ति छठवें दिन मिली, जिसके कारण छठ पूजा मनाई जाती है।

 

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First Updated : Monday, 27 March 2023