बिलासपुर, छत्तीसगढ़। मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से है जहां नाबालिग लड़की को पांच माह का गर्भ ठहर जाने पर प्रेमी ने उसे गर्भपात की गोली खिला दी। जिससे अत्याधिक रक्तस्त्राव से नाबालिग की तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपी को हत्या के अपराध से मुक्त किया।
वहीं, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि पेंड्रा क्षेत्र में रहने वाली 15 साल की किशोरी का शिकवा गांव में रहने वाले खेमचंद रजक से प्रेम संबंध था। जिसका फायदा उठाते हुए खेमचंद ने नाबालिग से शारीरिक संबंध बनाए और इससे किशोरी गर्भवती हो गई। पांच महीने का गर्भ होने पर किशोरी ने युवक को इसकी जानकारी दी, इस बात से युवक घबरा गया।
तब उसने गर्भपात की योजना बनाई। इसके लिए खेमचंद कहीं से गर्भपात की गोली ले आया और उसने वो गोली किशोरी को दे दी। किशोरी ने भी गर्भ से छुटकारा पाने के लिए गर्भपात की दवा खा ली। इससे उसकी तबीयत खराब हो गई और अत्याधिक रक्तस्त्राव से उसकी मौत हो गई।
इस घटना की शिकायत पर पुलिस ने धारा 304, 376, 313 और 314 के तहत जुर्म दर्ज किया। आरोपी खेमचंद रजक को जांच के बाद गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। वहीं किशोरी की उम्र की जानकारी होने के बाद पुलिस ने मामले में पॉक्सो एक्ट की धारा भी जोड़ी। इस मामले की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत के कोर्ट में हुई।
अपना फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि अभियुक्त किशोरी की हत्या नहीं करना चाहता था। उसका उद्देश्य केवल गर्भ को गिराने का था। आरोपी को हत्या के मामले में न्यायालय ने दोष मुक्त किया। वहीं, साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर उसे दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट का दोषी पाया और इसके लिए आरोपी खेमचंद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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First Updated : Saturday, 10 December 2022