ठगी करने वाले गिरोह का हुआ भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

रोहिणी जिले के साइबर थाना पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने दो जालसाज को गिरफ्तार करके तीन लोगों को भी पकड़ा गया है। जिसमें एक महिला भी शामिल है। जो डेटा बेचने में शामिल थी। इनके पास से 18 मोबाइल फोन, 20 एटीएम डेबिट कार्ड ,22 सिम कार्ड बरामद 1 लैपटॉप बरामद किए है। आरोपियों की पहचान आकाश कुमार निवासी मुजफ्फर नगर, निखिल निवासी फरीदाबाद के रूप में हुई है।

calender

रिपोर्ट। पंकज राय 

नई दिल्ली। रोहिणी जिले के साइबर थाना पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने दो जालसाज को गिरफ्तार करके तीन लोगों को भी पकड़ा गया है। जिसमें एक महिला भी शामिल है। जो डेटा बेचने में शामिल थी। इनके पास से 18 मोबाइल फोन, 20 एटीएम डेबिट कार्ड ,22 सिम कार्ड बरामद 1 लैपटॉप बरामद किए है। आरोपियों की पहचान आकाश कुमार निवासी मुजफ्फर नगर, निखिल निवासी फरीदाबाद के रूप में हुई है।

रोहिणी जिले के डीसीपी एक गुरिकबाल सिंह सिद्धू ने बताया कि शिकायतकर्ता राकेश जिंदल ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप था कि उसकी पत्नी ने 2015 में 24540 की एचडीएफसी जीवन बीमा पॉलिसी ली थी। किसी कारणवश वह किस्त जारी नहीं रख सकी। 26 सितंबर को शिकायतकर्ता को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया जिसने खुद को एचडीएफसी लाइफ के कर्मचारी के रूप में प्रस्तुत किया और उसकी बंद एचडीएफसी पॉलिसी का पूरा विवरण दिया।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि 2 किश्तों का भुगतान करने के बाद उनकी रुकी हुई नीति को जारी रखा जाएगा। आरोपित ने अपनी योजना को आगे बढ़ाने के लिए दो किश्तें जमा करने के लिए एक बैंक खाता नंबर भेजा था। इसके बाद, पीड़ित को प्रदीप कुमार का एक और फोन आया, जिसने पीड़ित का विश्वास हासिल करने के लिए एचडीएफसी लाइफ का अपना आई-कार्ड भी साझा किया। शिकायतकर्ता को अपनी पॉलिसी के संबंध में एक मेल भी प्राप्त हुआ। उस पर विश्वास कर उसने 49080 रुपया दिए गए खाते में जमा कर दिया। इसके अलावा उसे और रुपये जमा करने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने 33,818 और 49,080 जमा करा दिए। कुछ समय बाद, उन्हें GST निकासी के लिए 59,000 जमा करने के लिए कॉल आया। इस पर शिकायतकर्ता को लगा कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसने एनसीआरबी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत पर थाना साइबर रोहिणी में मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। मामले को सुलझाने और मामले में शामिल धोखेबाजों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया। 

जांच के दौरान तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पता चला कि गिरोह फरीदाबाद से संचालित हो रहा है और अपना ठिकाना नोएडा, यूपी में स्थानांतरित कर लिया। वे पुलिस के राडार से बचने के लिए बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे। तकनीकी निगरानी के आधार पर उनके स्थान पर छापा मारा गया और नोएडा सेक्टर 41 से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान आकाश कुमार निवासी मुजफ्फर नगर और निखिल कुमार निवासी फरीदाबाद के रूप में हुई।

जांच के दौरान, इस मामले में एक महिला सहित 3 और व्यक्तियों को पकड़ा गया, जो पैसे के लिए जालसाजों को पीड़ितों का डेटा प्रदान करते थे। पुलिस अन्य पीड़ितों की पहचान करने के प्रयास कर रही हैं और आगे की जांच शुरू कर दी है।

First Updated : Tuesday, 29 November 2022