लखनऊ में मंगलवार शाम एक बेहद ही दर्दनाख हादसे में वजीर हसन रोड स्थित पांच मंजिला अपार्टमेंट अलाया ताश के पत्तों की तरह ढह गया। मलबे में तीस से अधिक लोग दब गए। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस, दमकल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गई और आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहतत मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

शुरुआत में ये खबर आई थी कि मलबे से तीन शव निकाले गए हैं लेकिन बाद में प्रशासन ने साफ किया इस हादसे में किसी की जान नहीं गई है। लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने जानकारी दी कि रिहायशी इमारत गिरने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन काफी समय तक जारी रहा। मलबे में फंसे लोगों को ऑक्सीजन भी मुहैया कराई गई। डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि एक कमरे में कुछ लोग फंसे हुए थे उन्हें भी ऑक्सीजन पहुंचाई गई और बाद में सभी को रेस्क्यू करा लिया गया। उन्होंने बताया कि हम दो लोगों के संपर्क में हैं। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

मामले की उचित जांच की जाएगी। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और नगर विकास मंत्री एके शर्मा समेत शासन प्रशासन के तमाम आलाधिकारी मौके पर तुरंत ही पहुंच गए। इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। बा दें कि पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट में कुल 12 फ्लैट हैं। सबसे ऊपर एक पेंटहाउस है। शाम करीब साढ़े छह बजे अचानक से ये इमारत ढह गई। इलाके के लोगों ने इस बात की सूचना पुलिस को सूचना दी।

सूचना पर राहत बचाव कार्य के लिए पुलिस के अलावा एसडीआरएफ, सेना और दमकल के जवान तुरंत पहुंच गए। देर रात एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। तीन चार जेसीबी की मदद से मलबे को हटाया गया। हैंड ड्रिलिंग मशीन की मदद से मलबे को काटकर फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। देर रात तक टीमें एक-एक 12 लोगों को बाहर निकाला। मलबा इतना अधिक है कि उसको हटाने में लंबा वक्त लगेगा। डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त बिल्डिंग में आठ से दस परिवार मौजूद थे।

पुलिस के मुताबिक ग्राउंड फ्लोर की पार्किंग में पानी का रिसाव हो रहा था। इसलिए मालिक वहां पर पाइप डलवाने के लिए काम करवा रहा था। तीन दिनों से काम जारी था। ड्रिलिंग मशीन से खुदाई का काम किया जा रहा था। आशंका है कि इसी दौरान इमारत का फाउंडेशन ग्रिड डैमेज हुआ।