रविवार को हैदराबाद में भारतीय राष्ट्र समिति यानी बीआरएस की 4 घंटे की मैराथन मीटिंग चली। इस अहम बैठक में बीआरएस प्रमुख केसीआर समेत बैठक में मौजूद विधायक, सांसद और पार्टी के नेताओं ने मिलकर कई खास फैसले लिए जो देश और प्रदेश के हित में काफी जरूरी है। इस मौके पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख केसीआर ने कहा कि जनता के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली केन्द्र की बीजेपी सरकार की कड़ी निंदा करनी चाहिए। बीआरएस संसदीय दल की बैठक में चिंता जताई गई कि केंद्र सरकार की ओर से अपनाई जा रही दुर्भाग्यपूर्ण नीतियों के कारण देश में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सीएम के चंद्रशेखर राव ने पार्टी सांसदों को संसद के बजट सत्र में केंद्र की तरफ से अपनाई जा रही जनविरोधी नीतियों को रोकने और इसका विरोध करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तेलंगाना के विभाजन के वादों पर न्याय नहीं कर रही है। तेलंगाना को अपने अधिकार पाने के लिए संसद में आवाज उठानी चाहिए।

सीएम केसीआर ने कहा कि केंद्र सरकार संसदीय लोकतांत्रिक तरीके को अपनाए और अलोकतांत्रिक नीतियों को बंद करे। इस दिशा में सीएम केसीआर ने साफ कर दिया है कि बीआरएस अपने साथ आने वाले दलों को शामिल कर केंद्र के लोकतंत्र विरोधी कदमों के खिलाफ संसद में पुरजोर आवाज उठाएगा।

रविवार को प्रगति भवन में चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई बीआरएस संसदीय दल की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में चिंता व्यक्त की गई कि केंद्र की लापरवाह और खतरनाक नीतियां देश के भविष्य को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं। केसीआर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के तरफ से अपनाई गई नीति देश की अखंडता के विकास में बाधक बनी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। देश की जनता की मेहनत की कमाई को अपने कॉरपोरेट मित्रों को कर्ज के रूप में दिया जा रहा है। केंद्र सरकार अपने चहेते कारपोरेट ताकतों पर प्यार जता रही है और लाखों करोड़ रुपये का  कर्ज माफ कर रही है। एलआईसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में बड़े कारोबारियों के कर्ज के रूप में शेयर दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में केंद्र सरकार की तरफ से अपनाई जा रही खतरनाक आर्थिक नीतियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। बीआरएस सांसदों को देश की जनता के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली बीजेपी की केंद्र सरकार के रवैये की कड़ी निंदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार संघीय भावना को कमजोर कर रही है और कई तरह से राज्यों को परेशानी में डाल रही है। संसद में इसका विरोध किया जाना चाहिए। केंद्र को देश को यह बताना चाहिए कि तेलंगाना जैसे राज्य की प्रगति के पीछे क्या कारण है जो प्रगति के पथ पर चल रहा है। केन्द्र कई तरह से तेलंगाना के विकास में बाधाएं पैदा कर रहा है। केंद्र सरकार राज्यपालों की व्यवस्था का भी दुरूपयोग कर रही है। राज्यों को कमजोर करने के लिए केंद्र की तरफ से राज्यपालों को अपने हाथों में रखना अलोकतांत्रिक है। केसीआर ने कहा कि पेट्रोल डीजल, रसोई गैस और अन्य जरूरी सामानों के दाम बेतहाशा बढ़ रहे हैं। केंद्र को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आम आदमी का जीवन दिन पर दिन बढ़ती कीमतों से प्रभावित होता जा रहा है।