हाल में बीआरएस की नांदेड रैली में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने अब की बार किसान सरकार का नारा दिया था। तेलंगाना के बाहर अपनी इस पहली बड़ी जनसभा में उन्होंने देश के किसानों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाताओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। महाराष्ट्र के नांदेड़ में हुई इस जनसभा में किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्ला लिया था।

इस रैली के अगले ही दिन तेलंगाना सरकार ने अपना सालाना बजट भी पेश किया जिसमें प्रदेश के वित्त मंत्री हरीश राव ने कृषि क्षेत्र की ओर बड़ा हिस्सा देने का ऐलान किया। सोमवार को 2023-24 के राज्य के बजट में कृषि के लिए 26,831 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव रखा गया। तेलंगाना के गठन से पहले के 10 वर्षों में, केवल 7,994 करोड़ रुपये की राशि कृषि पर खर्च की गई थी। इसके विपरीत राज्य के गठन से लेकर इस साल जनवरी तक 1,91,612 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

कृषि क्षेत्र में की गई उपलब्धियों को गिनाते हुए हरीश ने कहा कि तेलंगाना में खेती का क्षेत्र 2014 में 131.33 लाख एकड़ से बढ़कर 215.37 लाख एकड़ हो गया है। राव ने कहा कि धान का उत्पादन 2014-15 के 68.17 लाख टन से तीन गुना बढ़कर 2021-22 में 2.02 करोड़ टन हो गया है। 65 लाख किसानों को रायथु बंधु राज्य में 65 लाख किसानों को 65,000 करोड़ रुपये की रायथु बंधु राशि जारी करने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक रायथु बीमा के तहत 5,384 करोड़ रुपये के बीमा दावों का निपटान किया गया है और एक लाख किसानों के परिवारों को वितरित किया गया है, जो इस योजना के बाद से गुजर चुके हैं।

पेश किया गया था। वित्त मंत्री ने कहा कि 2014-15 में 24 लाख टन धान की खरीद की गई थी और 2022-23 में अब तक खरीदी गई मात्रा बढ़कर 65 लाख टन हो गई है। उन्होंने ऑयल पॉम प्लांट्स, फर्टिलाइजर्स और ड्रिप इरिगेशन जैसे ऑयल पॉम की खेती के लिए 1000 करोड़ रूपये की सब्सिडी देने प्रस्ताव रखा। राज्य सरकार ने ऑयल पाम की खेती के तहत क्षेत्र को 20 लाख एकड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

हरीश ने कहा कि भेड़ वितरण योजना के तहत 7.3 लाख भेड़ इकाइयों को खरीदने के लिए 11,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और इससे मांस उत्पादन 2014 में 5.05 लाख टन से बढ़कर 2022 में 10.85 लाख टन हो गया है, जिससे तेलंगाना मांस उत्पादन में पांचवें स्थान पर है।