तेजी फैल रहा मंकीपॉक्स का लक्षण 21 देशों में पहुंचा

कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया को अब तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स संक्रमण डराने लगा है। पिछले सप्ताह तक 11 देशों तक पहुंचने वाला मंकीपॉक्स अब 21 देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया के 21 से ज्यादा देशों से मंकीपॉक्स के करीब 226 मामले आए हैं।

Janbhawana Times
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कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया को अब तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स संक्रमण डराने लगा है। पिछले सप्ताह तक 11 देशों तक पहुंचने वाला मंकीपॉक्स अब 21 देशों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया के 21 से ज्यादा देशों से मंकीपॉक्स के करीब 226 मामले आए हैं। हालांकि WHO ने साथ ही कहा कि इस महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है। दुनिया भर में उपलब्ध इस बीमारी की दवाओं और टीकों के समान वितरण का प्रस्ताव रखा। मंकीपॉक्स के संक्रमण को तेजी से फैलता देख इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने चेतावनी जारी की है। हेल्थ एजेंसी का कहना है कि छोटे बच्चों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है, जिसके चलते इसके लक्षणों पर नजर रखनी होगी। फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सरकार इस संक्रमण को लेकर हाई अलर्ट पर है। उधर, भारतीय प्राइवेट हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने मंकीपॉक्स की जांच के लिए एक आरटीपीसीआर टेस्ट किट तैयार कर ली है। यह किट 1 घंटे के अंदर नतीजे दे सकेगी। मंकीपॉक्स के संक्रमण को तेजी से फैलता देख इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने चेतावनी जारी की है। हेल्थ एजेंसी का कहना है कि छोटे बच्चों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा है।

अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि मौजूदा महामारी की शुरूआत के संबंध में अभी भी कई सवालों के जवाब नहीं हैं। परंतु इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि इस महामारी का कारण वायरस में किसी प्रकार का आनुवंशिक बदलाव है। WHO की महामारी निदेशक डॉक्टर सिल्वी ब्रियांड ने कहा कि वायरस के पहले जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चलता है कि यह स्वरूप महामारी से प्रभावित देशों से प्राप्त स्वरूप से अलग नहीं है और यह (महामारी का प्रसार) संभवत: लोगों की जीवनशैली में आए बदलाव का नतीजा है। जिसके चलते इसके लक्षणों पर नजर रखनी होगी, फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स के एक भी मामले की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सरकार इस संक्रमण को लेकर हाई अलर्ट पर है। उधर, भारतीय प्राइवेट हेल्थ डिवाइस कंपनी ट्रिविट्रॉन हेल्थकेयर ने मंकीपॉक्स की जांच के लिए एक आरटीपीसीआर टेस्ट किट तैयार कर ली है। यह किट 1 घंटे के अंदर नतीजे दे सकेगी। शुक्रवार को अर्जेंटीना में मंकीपॉक्स का पहला केस सामने आया। मरीज हाल ही में स्पेन की यात्रा कर लौटा है। देश में वायरस का एक संदिग्ध मरीज भी पाया गया है। 

इससे पहले WHO के शीर्ष सलाहकार ने कहा था कि यूरोप, अमेरिका, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में इस महामारी का प्रसार संभवत: स्पेन और बेल्जियम में हाल ही में हुई रेव पार्टियों के दौरान सेक्स से जुड़ा हुआ है। अगर ऐसा है तो यह मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में वायरस के प्रसार के तरीके से बिल्कुल अलग है। जहां मनुष्य में जंगली चूहे और बंदरों आदि से यह बीमारी फैली है। इससे पहले मंगलवार को पश्चिम अफ्रीका से यूईए लौटी एक महिला में भी मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी। बता दें कि अब तक 21 देशों में मंकीपॉक्स के 226 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन  ने शुक्रवार को कहा कि लगभग 100 संदिग्ध मरीज ऐसे देशों से रिपोर्ट किए गए हैं, जहां मंकीपॉक्स आमतौर पर नहीं पाया जाता है। मंकीपॉक्स का पहला मामला ब्रिटेन में 7 मई को सामने आया था। हालांकि, राहत की बात यह है कि मंकीपॉक्स वायरस में अब तक कोई जेनेटिक बदलाव नहीं मिले हैं। यानी, वायरस अब तक इंसानों में म्यूटेट नहीं हुआ है। यह बीमारी अफ्रीका के बाहर कैसे फैली, वैज्ञानिक अब भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। 

स्पेन के प्रशासन ने कहा कि उनके देश में मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 98 हो गई है जिनमें एक महिला भी शामिल है। ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, कनाडा, अमेरिका और अन्य देशों के डॉक्टरों का मानना है कि अभी तक यह संक्रमण समलैंगिक (बाईसेक्सुअल) पुरुषों या ऐसे पुरुष जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं, तक सीमित था। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है अगर संक्रमण पर काबू नहीं पाया गया तो यह अन्य लोगों में भी फैल सकता है। इस महीने हुए मंकीपॉक्स आउटब्रेक का एपिसेंटर स्पेन को माना जा रहा है। शुक्रवार तक यहां 98 मामलों की पुष्टि हुई है। वहीं, ब्रिटेन में 106 और पुर्तगाल में 74 मरीज इस दुर्लभ बीमारी की चपेट में हैं। इसके अलावा मंकीपॉक्स कनाडा, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल, इटली और अमेरिका समेत कई देशों में फैल चुका है। सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एडवाइजर डॉ डेविड हेमैन ने न्यूज एजेंसी AP से बातचीत में बताया था कि समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के संक्रमण फैलने की वजह स्पेन और बेल्जियम में हुई दो गे सेक्स पार्टीज हो सकती हैं। मंकीपॉक्स एक यौन रोग यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD) नहीं है। हालांकि, सेक्स के दौरान संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से यह बीमारी फैल सकती है।

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28 May 2022, 07:39 PM IST

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