मणिपुर में फिर भडकी हिंसा, कुकी आतंकियों ने सीआरपीएफ बटालियन पर किया हमला , 2 जवान शहीद

मणिपुर में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब शुक्रवार देर रात कुकी आतंकियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर हमला कर दिया, जिसमें दो जवान शहीद हो गए. पुलिस ने बताया कि दोनों जवान बिष्णुपुर जिले के नरसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के हैं.

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Manipur Violence:  मणिपुर में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुकी और मैतेई समुदायों के बीच संघर्ष चल रहा है। अब खबरें हैं कि शुक्रवार आधी रात को कुकी आतंकियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पर हमला कर दिया, जिसमें सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए.मणिपुर पुलिस ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार देर रात से करीब सवा दो बजे के बीच कुकी आतंकियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवानों की जान चली गई. दोनों जवान मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के नरसेना इलाके में तैनात सीआरपीएफ की 128वीं बटालियन के थे.

3 जिलों में बदमाशों ने की फायरिंग

इससे पहले तीन जिलों कांगपोकपी, उखरुल और इंफाल ईस्ट के ट्राइजंक्शन जिले में उपद्रवियों ने एक-दूसरे पर गोलियां चलाईं. इस गोलीबारी में कुकी समुदाय के दो लोगों की मौत हो गई. इसके बाद थौबल जिले में हेरोक और तेंगनोपाल के बीच 2 दिनों तक क्रॉस फायरिंग के बाद इंफाल पूर्वी जिले के मोइरंगपुरेल में फिर से हिंसा भड़क उठी. इसमें कांगपोकपी और इंफाल पूर्व दोनों जगह से हथियारबंद बदमाश शामिल थे.

पिछले साल भी भड़की थी हिंसा

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आयोजित 'आदिवासी एकता मार्च' के बाद पिछले साल 3 मई को भड़की जातीय हिंसा के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं. मणिपुर की लगभग 53 प्रतिशत आबादी मेईती है और ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहती है, जबकि नागा और कुकी सहित आदिवासी 40 प्रतिशत हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं.
 

First Updated : Saturday, 27 April 2024