राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद सूत्रों का कहना है कि वह अगली पीढ़ी को पार्टी का नेतृत्व सौंपना चाहते हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि एनसीपी का अगला मुखिया कौन होगा। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी की कमान सुप्रिया सुले या अजीत पवार में से किसी एक को मिल सकती है।
फिलहाल शरद पवार ने अगले अध्यक्ष की तैनाती के लिए एक समिति बनाई है। जिसमें एनसीपी के सभी वरिष्ठ और दिग्गज नेता शामिल हैं। उनकी सिफारिश के आधार पर नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। मंगलवार को ताजा राजनीतिक घटनाक्रम में दोपहर में सभी टीवी चैनलों पर एक खबर चलने लगी कि शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। जैसे ही यह खबर सार्वजनिक हुई, उसके तुरंत बाद टीवी चैनलों पर इस खबर को प्रमुखता से स्थान दिया जाने लगा। अपने इस्तीफे के बाद शरद पवार ने एक भावुक पत्र लिखा, जिसमें यह कहा गया है कि करीब छह दशक तक सार्वजनिक जीवन में रहने के बाद वह सेवानिवृत्त होना चाहते हैं। हालांकि वह लगातार पार्टी को मार्गदर्शन देते रहेंगे लेकिन अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने में वह असमर्थ हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में वह राज्यसभा के सदस्य हैं और अभी 3 साल का कार्यकाल बाकी है। यह कार्यकाल खत्म होने के बाद वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस समय देश में कुल 9 सांसद हैं। इनमें 5 सांसद लोकसभा के और 4 सांसद राज्यसभा के मेंबर हैं। वही देश भर में कुल 57 विधायक पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जीत कर विधान सभा पहुंचे हैं। उनमें से महाराष्ट्र में अकेले ५४, केरल में दो और गुजरात में एक विधायक शामिल है। शरद पवार के एनसीपी के प्रेसिडेंट पद से इस्तीफे के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले को दी जा सकती है। लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगले अध्यक्ष के तौर पर सुप्रिया सुले के अलावा अजीत पवार भी प्रमुख दावेदार हैं। उनके नाम को अलग नहीं किया जा सकता है।
पार्टी में लोकतंत्र और पारदर्शिता दिखाने के लिए शरद पवार ने एक कमेटी का गठन किया है। जिसमें पार्टी के सभी दिग्गज और वरिष्ठ नेता शामिल है। यही कमेटी आने वाले अध्यक्ष का चुनाव करेगी। लेकिन राजनीतिक दलों में जैसी परंपरा चली आ रही है उस लिहाज से देखा जाय तो यह लगभग तय है एनसीपी का अगला अध्यक्ष शरद पवार का काफी नजदीकी होगा। इसलिए सुप्रिया सुले और अजित पवार के नाम को कम करके आंका नहीं जा सकता। देश की अन्य पार्टियों में भी यह परम्परा चली आ रही है। सपा में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को पार्टी की कमान दी। मायावती ने बसपा की कमान अपने भतीजे को सौंप दी। बिहार में आरजेडी का उदाहरण लिया जा सकता है।
आने वाले कुछ दिनों में यह स्थिति साफ हो जाएगी कि पार्टी की कमान किस जिम्मेदार नेता को दिया जा रहा है। फिलहाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में भी अपने पांव पसारना चाह रही है। वह महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे इलाकों में भी पार्टी को खड़ा करना चाहती है। यहां इस बात का उल्लेख करना जरूरी है कि अभी कुछ दिन पूर्व एनसीपी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म हो गया था। इसके लिए पार्टी ने अपने आप को पूरे देश में स्थापित करने के लिए नए प्रयास शुरू कर दिए हैं। माना जा रहा है की पार्टी इसी उदेश्य को लेकर आगे बढ़ेगी। शरद पवार जैसे नेता पार्टी को मार्गदर्शन देने के अलावा राष्ट्रीय राजनीति में अपनी प्रमुख भूमिका निभाएंगे।