कौन होगा NCP का बॉस? बेटी-भतीजा या कोई और...

शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष से इस्तीफे का एलान करते हुए अपने उत्तराधिकारी के नाम का एलान नहीं किया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शरद के बाद पार्टी की कमान किसके हाथों में होगी।

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

हाइलाइट

  • कौन होगा NCP का बॉस? बेटी-भतीजा या कोई और...

देश के दिग्गज नेताओं में से एक और NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार ने आज (2 मई) अपनी आत्मकथा के विमोचन के बीच एनसीपी के अध्यक्ष के पद से अपने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और मांग की कि पवार अपना फैसला वापस लें। उनमें से कुछ तो उनका फैसला सुनकर टूट भी गए। जब से उन्होंने ये ऐलान किया है तब से ही राजनीतिक गलियारों में इस बात के सवाल शुरू हो गए कि आखिर एनसीपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा?

शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष से इस्तीफे का एलान करते हुए अपने उत्तराधिकारी के नाम का एलान नहीं किया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शरद के बाद पार्टी की कमान किसके हाथों में होगी। एनसीपी के उत्तराधिकारियों की रेस में कुछ नाम आगे हैं। इनमें सबसे आगे शरद की बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजीत पवार का नाम है। हालांकि, छगन भुजबल, जयंत पाटिल और प्रफुल्ल पटेल का नाम भी एनसीपी के अगले अध्यक्ष के तौर पर लिया जा रहा है।

हाल ही में शरद पवार संकेत देते हुए कहा था कि "अगर सही समय पर नहीं पलटी तो वो कड़वी हो जाती है। अब सही समय आ गया है रोटी पलटने का, उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आग्रह करूंगा कि वो इस पर काम करें।" 

सूत्रों का कहना है कि वह अगली पीढ़ी को पार्टी का नेतृत्व सौंपना चाहते हैं। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि एनसीपी का अगला मुखिया कौन होगा। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी की कमान सुप्रिया सुले या अजीत पवार में से किसी एक को मिल सकती है। हालांकि कई और नाम भी शामिल है। 

मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में पवार की किताब के विमोचन का आज कार्यक्रम हो रहा है। शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष का पद छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा कि मैं अध्यक्ष पद से रिटायरमेंट ले रहा हूं। शरद पवार ने कांग्रेस छोड़कर 1999 में एनसीपी बनाई थी।

शरद पवार के इस ऐलान के बाद उनके भतीजे अजित पवार ने कहा कि शरद पवार को पद छोड़ना ही था। शरद पवार फैसला वापस नहीं लेंगे। उम्र को देखते हुए शरद पवार ने ये फैसला लिया है। नए नेतृत्व को मौका मिलना चाहिए।

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02 May 2023, 05:45 PM IST

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