वैश्विक व्यवस्था का सृजन करने के लिए संवाद ही एकमात्र सभ्य तंत्र: रक्षामंत्री

केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कहा कि भारत एक स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का पक्षधर है। जो प्रगति और समृद्धि के साझा लक्ष्य में सभी को एक साथ लेकर आगे बढना चाहता है।

Janbhawana Times
Janbhawana Times

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कहा कि भारत एक स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र का पक्षधर है। जो प्रगति और समृद्धि के साझा लक्ष्य में सभी को एक साथ लेकर आगे बढना चाहता है। उन्होंने इस क्षेत्र में आसियान के केंद्र बिंदु के बारे में अपने विचारों को सामने रखते हुए कहा कि हमारी साझा समृद्धि और सुरक्षा के लिए हमें बातचीत के माध्यम से एक सामान्य नियम-आधारित व्यवस्था विकसित करने की जरूरत है। क्योंकि वैश्विक व्यवस्था का सृजन करने के लिए संवाद ही एकमात्र सभ्य तंत्र है।

राजनाथ सिंह शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग (आईपीआरडी) के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि भारत के दार्शनिकों और दूरदर्शी लोगों ने हमेशा राजनीतिक सीमाओं से हटकर एक मानव समुदाय का सपना देखा है। जिसमे हमने सदैव सुरक्षा और समृद्धि को संपूर्ण मानव जाति के सामूहिक लक्ष्य के रूप में देखा है। जिसमें द्वीप सुरक्षा या समृद्धि की कोई संभावना नहीं है। क्योंकि यह क्षेत्र व्यापक वैश्विक समुदाय के आर्थिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

राजनाथ सिंह ने उल्लेख किया कि विवादों और असहमतियों को हल करने और क्षेत्रीय या वैश्विक व्यवस्था का सृजन करने के लिए केवल संवाद ही एक मात्र सभ्य तंत्र है। सिंह ने व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाने, क्षमता निर्माण करने और बुनियादी ढांचागत पहलों को बढ़ाने के लिए एक साथ मिलकर समय की कसौटी के तरीकों के रूप में काम करने का भी आव्हान किया। जो मैत्री के पुल के रूप में काम कर सकते हैं। और इनसे पारस्परिक लाभ भी सुनिश्चित हो सकता है। उन्होंने साझा भलाई के लिए सामूहिक रूप से उनका लाभ उठाने की जरूरत पर जोर दिया।

राजनाथ सिंह ने इस बात को दोहराया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रचनात्मक जुड़ाव में अपने सहयोगियों के साथ काम करने का भारत ने हमेशा ही प्रयास किया है। सिंह ने एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण विश्व के निर्माण की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों को एक नैतिक जिम्मेदारी बताया। सिंह ने कहा कि मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण दूसरे देशों की कीमत पर नहीं किया जाएगा। बल्कि हम यहां अन्य देशों को उनकी अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराने में सहायता करने के लिए तत्पर हैं।

रक्षामंत्री ने कहा कि वैश्विक समुदाय कई प्लेटफार्मों और एजेंसियों के माध्यम से काम कर रहा है। उनमें से सबसे प्रमुख संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद है। लेकिन अब सामूहिक सुरक्षा के प्रतिमान को बुलंद करने के लिए सभी के लिए साझा हितों और सुरक्षा के स्तर बढ़ाने की आवश्यकता है।

calender
25 November 2022, 06:52 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!