भारत सरकार ने 249 पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों को अजमेर शरीफ़ आने के लिए वीज़ा जारी किया है। पाकिस्तान के लाहौर से 248 तीर्थयात्री मंगलवार को भारत आएंगे। सूफ़ी संत मोईनुद्दीन चिश्ती के 811 वें उर्स का आगाज़ 18 जनवरी को हुआ था। भारत के राजस्थान के अजमेर शरीफ़ पर ये श्रद्धालू आएंगे।
जानकारी के मुताबिक़ इस बार 488 पाकिस्तानी आवेदकों ने वीज़ा के लिए आवेदन दिया था लेकिन इनमें से केवल 249 पाकिस्तानी नागरिकों को ही वीज़ा मिला है। गैरतलब है कि ये पाकिस्तानी तीर्थयात्री मंगलवार को लाहौर से भारत के लिए रवाना होंगे। भारत में ठहरने ने लिए इन यात्रियों की देखभाल के लिए छः अधिकारीयों को तैनात किया गया है लेकिन इनमें से केवल एक को ही इनके साथ जाने की अनुमति दी है। बताया जा रहा है कि अजमेर शरीफ़ में इस बार हज़ारों की तादात में लोगों के पहुँचने की उम्मीद है। इसके लिए दरगाह पर पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं।
सितम्बर 1974 में भारत पाकिस्तान द्वारा हस्ताक्षरित धार्मिक स्थलों की यात्राओं के प्रोटोकॉल के तहत दोनों देशों के तीर्थ यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति है। बता दें कि इस बार 488 आवेदकों ने वीज़ा आवेदन किया था जिसमें से केवल 249 पाकिस्तानी तीर्थयात्रियों का ही वीज़ा लगा है। इसके अलावा यह भी देखा गया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों की तरफ से अलग-अलग समय पर कई आधारों पर वीज़ा को अस्वीकार कर दिया जाता है। भारत से भी कई यात्री हर साल इस मौके पर सूफी संत मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर अजमेर शरीफ़ जाते हैं। बता दें की हर वर्ष की भांति अजमेर शरीफ़ में उर्स शुरू होने से पहले भीलवाड़ा का गौरी परिवार ख्वाजा साहब की दरगाह के बुलंद दरवाज़े पर झंडा पेश करता है। इस परंपरा के चलते इस साल भी अजमेर शरीफ़ दरगाह के बुलंद दरवाज़े पर झंडा पेश किया जाएगा।
First Updated : Monday, 23 January 2023