कांग्रेस में जाने वाले पप्पू यादव को लेकर 6 दिलचस्प फैक्ट्स

Aaj Ka Sixer: पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस में विलय से पहले पप्पू यादव ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव से मुलाक़ात की थी.

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Aaj Ka Sixer: लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों में उठापटक जारी है. इसी कड़ी में बिहार की राजनीति में बुधवार यानी 20 मार्च को कुछ बड़ा देखने को मिला है. दरअसल पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस में विलय से पहले पप्पू यादव ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव से मुलाक़ात की थी. लालू यादव के मशवरे के बाद पप्पू यादव ने यह कदम उठाया है. इतना ही नहीं, दावा यह भी किया जा रहा है कि लालू यादव की तरफ़ से उन्हें पूर्णिया से चुनाव लड़ने की सलाह दी गई है. हम अपनी ख़ास सीरीज़ “सत्ते पे सत्ता” में आज पप्पू यादव से जुड़े 7 फैक्ट्स आपको बताने जा रहे हैं. पढ़िए.

➤  पप्पू यादव तक़रीबन 36 साल से सियासत में हैं. वो 1990 में पहली बार मधेपुरा की सिंहेश्वर विधानसभा सीट से आज़ाद विधायक बने थे. इसके 6 साल बाद पूर्णिया से सांसद चुना गए थे. पप्पू यादव बिना किसी पार्टी का दामन थामे तीन बार आज़ाद सांसद और एक बार विधायक चुने गए हैं. 

  पप्पू यादव ने पैसे उड़ाने को लेकर भी जाने जाते हैं. बीते साल उन्होंने दावा किया था कि हर दिन वो 1 लाख रुपये उड़ा देते हैं. 40 साल में उन्होंने 280 करोड़ रुपए उड़ा दिए. पप्पू यादव को आपराधिक छवि वाला नेता भी माना जाता है. कहा जाता है कि राजीनीति से पहले उनकी जीवन में जुर्म ने एंट्री मारी थी. उनपर हत्या, किडनैपिंग, मारपीट और बूथ कैप्चरिंग जैसे दर्जनों मामले में पप्पू यादव के खिलाफ दर्ज हैं. 

  वर्ष 2015 राजद से अलग होकर पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी बनाई और JDU-RJD यानी नीतीश-लालू के खिलाफ जमकर प्रचार किया. बिहार विधानसभा चुनाव में जन अधिकार पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के हिस्से के रूप में 64 सीटों पर लड़ रही है.

➤  पप्पू यादव के विवादों की बात करें तो 2008 में 1998 के अजीत सरकार हत्या मामले में एक स्पेशल कोर्ट अदालत ने मुजरिम ठहराया था. उनपर आरोप थे कि उन्होंने दर्शकों को इकट्ठा किया और सेलफोन को लेकर भी उनके ख़िलाफ़ आवाज़ उठी थी. हालाँकि 2013 में उन्हें पटना हाई कोर्ट से बरी कर दिया गया था.

 साल 2013 में पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि उनके तीन सांसदों को NDA में शामिल होने के लिए पैसे मिले थे. जिसमें उन्होंने दावा भी किया की जुलाई में हुए विश्वास मत के दौरान सांसदों को पैसा दिए थे.

➤  साल 2015 में फ्लाइट में सफर करने के तौर एयरहोस्टेस को चप्पल मारने का मामला को लेकर काफी दिनों तक सुर्खियों में थे. इसके अलावा 2021 में मई के महीने पप्पू यादव को 32 साल पुराने अपहरण मामले और कोरोना-19 गाइडलाइंस का उल्लंखन करने का आरोप लगा था और उनकी गिरफ़्तारी भी हुई थी.

First Updated : Saturday, 30 March 2024