क्या कंगना रनौत की मंडी से हार तय है? कांग्रेस पार्टी चलने जा रही है बड़ी चाल
Mandi Lok Sabha Seat: कांग्रेस पार्टी कंगना रनौत के खिलाफ मंडी से बड़ी चाल चलने जा रही है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस की इस चाल के बाद कंगना रनौत की मुश्किलों में इज़ाफा लगभग तय है.
Himachal Pradesh Mandi Lok Sabha Seat: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत लोकसभा चुनाव 2024 से राजीनित में डेब्यू करने जा रही हैं. अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा (Mandi Lok Sabha Seat) सीट से वो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. राज्य में इस समय कांग्रेस पार्टी की सरकार ऐसे में पार्टी के सामने यहां से ज्यादा से ज्यादा सीटें लाने का चैलेंज है. फिलहाल सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कांग्रेस कंगना के खिलाफ बड़ा दांव चल सकती है.
दरअसल सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस पार्टी मंडी लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री के वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य सिंह को उतार सकती हैं. अगर कांग्रेस ये कदम उठाती है तो कंगना की मुश्किलों में इजाफा हो सकता है. क्योंकि विक्रमादित्य सिंह राजनीति में कंगना से बड़ा चेहरा हैं. फिलहाल राज्य की सुखविंदर सुक्खू सरकार में मंत्री पद हैं. हाल ही में विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर सुक्खू सरकार के लिए मुसीबतें भी खड़ी कर दीं थीं. कयास लगाए जा रहे थे कि कहीं वो पार्टी ना छोड़ दें. हालांकि बाद कांग्रेस आला कमान ने हालात पर कंट्रोल पा लिया.
याद रहे कि हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. यहां से वीरभद्र की पत्नी और विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी. इससे पहले 2014 की लोकसभा चुनाव में प्रतिभा सिंह ने मंडी से चुनाव लड़ा था लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाई थीं. हालांकि 2019 में उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी और पंडित सुखराम के पोते आश्रय शर्मा को यहां से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था. हालांकि जीत वो भी नहीं हासिल कर पाए थे.
फिलहाल विक्रमादित्य सिंह राज्य सरकार में मंत्री पद हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी उन्हें मंडी से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. क्योंकि दावा यह किया जा रहा है कि कांग्रेस के अंदरूनी सर्वे में विक्रमादित्य को इस सीट के लिए मजबूत उम्मीदवार बताया गया है. क्योंकि विक्रमादित्य सिंह की मां यानी प्रतिभा पहले ही चुनाव लड़ने से इनकार कर चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि पार्टी ने उन्हें सिर्फ मंडी तक सीमित ना रखे. हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पार्टी आला कमान उन्हें चुनाव लड़वाना चाहता है तो फिर वो वैसा ही करेंगी.