Bihar Chief Minister Nitish Kumar: आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ समय पहले बिहार की राजनीति ने करवट लेना शुरू कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह के एक कार्यक्रम में जैसे ही जदयू अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार ने परिवारवाद की राजनीति पर एक बयान दिया उसके बाद से ऐसा कहा जाने लगा की नीतीश का ये बयान लालू यादव के परिवार पर हमला है. हालांंकि, नीतीश ने अपने भाषण में बिना किसी का नाम लिए कर्पूरी ठाकुर के विचारों का जिक्र कर रहे थे. इन सब के बीच लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने गुरुवार की सुबह सोशल मीडिया पर कुछ ट्वीट करके नीतीश को जवाब दिया. इससे जदयू-आरजेडी के बीच तल्खियां बढ़ने लगी.
इस राजनीतिक घटना के कुछ देर बाद ही नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़कर फिर से बीजेपी के साथ जाने की अटकलें लगाई जाने लगीं. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे और रविवार, (28 जनवरी) को बीजेपी के साथ गठबंधन करके दोबारा सीएम बन जाएंगे.
सूत्रों के मुताबिक, बिहार के सीएम नीतीश कुमार कुछ समय से लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से नाराज चल रहे हैं. नीतीश बिहार के शासन को प्रभावित करने के लिए अपने सहयोगी दल को जिम्मेदार ठहराते हैं. आरजेडी के पास कानून मंत्रालय है. नीतीश कुमार ने कई मौकों पर उनसे सलाह-मशवरा किए बिना अहम फैसले लेने के लिए राष्ट्रीय जनता दल के मंत्रियों की भी आलोचना की है.
सूत्रों ने यह भी कहा कि अगर लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए नीतीश कुमार पर तंज नहीं कसा होता, तो मामला कुछ समय के लिए और चल सकता था. उन्होंने वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति को लेकर नीतीश कुमार के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी.
हालांकि, विवाद के बाद रोहिणी ने अपने सभी ट्वीट डिलीट कर दिए हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि जो नुकसान होना था, वो हो चुका है.
बीजेपी भी इस मामले में शामिल हो गई. बीजेपी ने नीतीश कुमार का समर्थन किया और जोर देकर कहा कि रोहिणी आचार्य ने उनका अपमान किया है. उन्हें सीएम से माफी मांगनी चाहिए. बाद में यह बात सामने आई कि बीजेपी समर्थकों और नेताओं को जेडीयू के बॉस (नीतीश कुमार) को निशाना बनाने से परहेज करने की हिदायत दी गई थी.
रोहिणी आचार्य के सोशल मीडिया पोस्ट और कथित शासन के मुद्दे सिर्फ जेडीयू-आरजेडी के फ्लैश पॉइंट नहीं थे. नीतीश को कुछ और चीजों से भी नाराजगी थी. पिछले साल नवंबर में RJD ने तेजस्वी यादव को 'भावी मुख्यमंत्री' बताने वाले पोस्टर लगाए थे. यही नहीं, शिक्षक बहाली का क्रेडिट लेने के लिए RJD की ओर से तेजस्वी यादव को बड़े-बड़े पोस्टर से प्रमोट करना भी नीतीश कुमार को नागवार लगा. First Updated : Friday, 26 January 2024