Uttarkashi: 5 दिन से सुरंग में फंसे 40 जिंदगियों को निकालने के लिए नई ऑगर मशीन से मलबे की ड्रिलिंग शुरू
Uttarkashi Tunnel Accident:उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना मामले में जिलाधिकारी अभिषेक रोहिल ने एक बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने कहा है कि प्रशासन मजदूरों के साथ लगातार संपर्क में है और ऑक्सीजन दवा राशन से संबंधित सभी चीजों का ध्यान रख रही है.
Uttarkashi Tunnel Rescue: 5 दिन से उत्तरकाशी सुरंग में 40 मजदूरों फंसे हुए है. सुरंग में फंसे एक मजदूर की आवाज सुनाई दी है जिसमें वह खुद को बाहर निकालने के लिए गुहार लगा रहा है. जिसके बाद से मजदूरों के सही सलामत होने की उम्मीद की किरण बरकरार है. हालांकि अब भी लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि, आखिर इन मजदूरों को बाहर निकलने में और कितना समय लगेगा.
गुरुवार को रेस्क्यू साइट पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री बीके सिंह ने हालात का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने बताया कि, मजदूरों को निकालने में दो दिन से 3 दिन का समय और लग सकता है. उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर है. हालांकि अभी इन्हें निकालने में और कितना समय लगेगा इस बात की फिलहाल कोई पुष्टि नहीं की गई है.
सुरंग में फंसे मजदूर हर सांस के लिए संघर्ष कर रहे हैं. तो वहीं राहत बचाव कार्य में शामिल अधिकारियों को भी रेस्क्यू करने के दौरान काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है. गुरुवार को सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए नई ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है. इस मामले में जिलाधिकारी अभिषेक रुहेल ने कहा है कि, प्रशासन मजदूरों के साथ लगातार संपर्क में है. साथ ही उन्होंने मजदूरों के सुरक्षित होने पर भी संतोष जताया है.
5 दिन से सुरंग में फंसे हैं 40 मजदूर-
दरअसल, ब्रह्म खाली यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बन रही है. इसी सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया जिसमें लगभग 40 मजदूर फंस गए हैं. इन्हीं मजदूरों को निकालने के लिए 5 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है. हालांकि रेस्क्यू टीम को अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली है. दरअसल, रेस्क्यू टीम को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. सुरंग की परत काफी कमजोर है जिस वजह से खुदाई की प्रक्रिया धीमी चल रही है. मालवे को काटने में आसानी तो हो रही है लेकिन कंपन के चलते मलवा नीचे गिरने की संभावना है. इसलिए कार्य धीमी गति से किया जा रहा है.