किसानों ने मांगें पूरी नहीं होने पर सरकार को दी चेतावनी

दिल्ली के रामलीला मैदान में भारतीय किसान संघ (बीकेएस) के बैनर तले हजारों किसानों ने सोमवार को कृषि वस्तुओं और अन्य मांगों पर जीएसटी को वापस लेने के लिए दबाव बनाने के लिए एक रैली की और मांगें पूरी नहीं होने पर अपना विरोध तेज करने की धमकी दी।

Janbhawana Times
Janbhawana Times

रिपोर्ट। मुस्कान

नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में भारतीय किसान संघ (बीकेएस) के बैनर तले हजारों किसानों ने सोमवार को कृषि वस्तुओं और अन्य मांगों पर जीएसटी को वापस लेने के लिए दबाव बनाने के लिए एक रैली की और मांगें पूरी नहीं होने पर अपना विरोध तेज करने की धमकी दी।

आंदोलन कर रहे किसानों की मांगे हैं कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर लगाए गए केस को वापस लेने, पीएम-किसान योजना के तहत प्रदान की जाने वाली आय सहायता में वृद्धि, आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की अनुमति को रद्द करने और इनपुट के आधार पर उनकी उपज के लिए लाभकारी कीमतों की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान बीकेएस की राष्ट्रीय महासचिव मोहिनी मोहन ने कहा कि ''किसानों के हक को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा किए गए वादे खोखले साबित हुए हैं। सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसान भिखारी नहीं हैं, उन्हें अपनी फसल के लिए लाभकारी मूल्य पाने का अधिकार है। मोहन ने आगे कहा कि अगर सरकार समय पर नहीं जागी तो दुनिया का सबसे बड़ा किसान संगठन ''दहाड़ेगा और मुखर होगा''।

वहीं किसान नेता नरेंद्र पाटीदार ने कहा कि कृषि मशीनरी और कीटनाशकों पर जीएसटी हटा दिया जाना चाहिए। बढ़ती इनपुट लागत और महंगाई के साथ, हम कोई लाभ नहीं कमाते हैं। सरकार को हमारी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। डेयरी फार्मिंग पर भी जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए। मौजूदा स्थिति में कोई 6,000 रुपये या 12,000 रुपये से परिवार कैसे चला सकता है? किसानों ने कहा कि अगर सरकार तीन महीने के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वे विरोध तेज करेंगे।

मध्य प्रदेश के एक किसान दिलीप कुमार ने कहा कि कृषि मशीनरी, कीटनाशकों और उर्वरकों पर जीएसटी हटाया जाना चाहिए। यहां तक ​​कि उन्होंने डेयरी फार्मिंग पर अकारण ही पांच फीसदी टैक्स भी लगा दिया है। किसान सम्मान निधि के तहत 6,000 रुपये किसानों के अपमान के अलावा और कुछ नहीं है। यह कम से कम 15,000 रुपये होना चाहिए।

ठंड का सामना करते हुए किसानों ने ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल और निजी बसों पर पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से दिल्ली की यात्रा की और रामलीला मैदान में 'किसान गर्जन' रैली में भाग लिया।

calender
19 December 2022, 08:27 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो