ईस्ट कैलाश के एमसीडी स्कूल का रियलिटी चेक, स्कूल प्रशासन ने साधी चुप्पी

दिल्ली नगर निगम चुनाव में शिक्षा का मुद्दा जोरों शोरों से उठाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी लगातार एमसीडी द्वारा संचालित स्कूलों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था का आरोप लगा रही है। वहीं एमसीडी की सत्ता पर काबिज बीजेपी इन सभी आरोप को खारिज कर बेहतर शिक्षा व्यवस्था प्रदान करने का दावा कर रही है। इन दावों में कितनी सच्चाई यह तलाशने के लिए एमसीडी चुनाव की रिपोर्टिंग पर निकली जनभावना टाइम्स की टीम ने एक एमसीडी स्कूल का रियलिटी चेक किया है।

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रिपोर्ट। मुस्कान

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनाव में शिक्षा का मुद्दा जोरों शोरों से उठाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी लगातार एमसीडी द्वारा संचालित स्कूलों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था का आरोप लगा रही है। वहीं एमसीडी की सत्ता पर काबिज बीजेपी इन सभी आरोप को खारिज कर बेहतर शिक्षा व्यवस्था प्रदान करने का दावा कर रही है। इन दावों में कितनी सच्चाई यह तलाशने के लिए एमसीडी चुनाव की रिपोर्टिंग पर निकली जनभावना टाइम्स की टीम ने एक एमसीडी स्कूल का रियलिटी चेक किया है।

जनभावना टाइम्स की टीम ने दिल्ली के ईस्ट कैलाश के अंतर्गत एलसीडी प्रतिभा विद्यालय पहुंची। रियलिटी चेक के दौरान स्कूल के कामकाज में गंभीर कमियां पाई गई। स्कूल में छात्रों के खेलने की जगह में लोहे का काफी समान रखा हुआ मिला। वहीं कक्षा में न तो लाइट थी और न ही बैठने पढ़ने के लिए टेबल चेयर और शौचालय की हालत भी ठीक नहीं मिली। इसके अलावा स्कूल के आस-पास के इलाकों में कूड़े का ढेर देखने को मिला।

जब जनभावना टाइम्स की टीम ने स्कूल के हेडमास्टर से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने जवाब देने से साफ मना कर दिया और स्कूल की तस्वीर लेने से भी मना किया। उनका कहना है कि हमें ऊपर से ऑडर मिला है कि किसी भी पत्रकार द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब न दें। इतना ही नही किसी भी पत्रकार को स्कूल के अंदर जाने से रोक दिया। वहीं स्कूल के शिक्षक भी सच्चाई से कन्नी काटते हुए नजर आए। स्कूल प्रशासन की इस चुप्पी ने एमसीडी के बेहतर शिक्षा व्यवस्था वाले दावों की पोल खोल दी है।

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने एमसीडी द्वारा संचालित स्कूलों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए सेल्फी विथ एमसीडी स्कूल का अभियान चलाया था। इस दौरान आम आदमी पार्टी के नेताओं ने एमसीडी के स्कूलों का दौरा किया और कहा कि भाजपा को संस्थानों की खराब स्थिति और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ के लिए माफी मांगनी चाहिए।

First Updated : Monday, 28 November 2022