बायो-डिकम्पोजर के जरिये पराली को खाद में किया जाएगी तब्दील, 15-17 दिनों का प्रोसेस

सोमवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने IRAI और PUSA द्वारा बनाए जा रहे बायो-डिकम्पोजर घोल और उसके उत्पादन से संबंधित सुविधाओं का निरक्षण किया। इस दौरान गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार खेतों में पराली जलाने की घटनाएं रोकने एवं 5,000 एकड़ बासमती और गैर-बासमती खेती वाली भूमि पर बायो-डिकम्पोजर का छिड़काव करेगी।

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नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने IRAI और PUSA द्वारा बनाए जा रहे बायो-डिकम्पोजर घोल और उसके उत्पादन से संबंधित सुविधाओं का निरक्षण किया। इस दौरान गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार खेतों में पराली जलाने की घटनाएं रोकने एवं 5,000 एकड़ बासमती और गैर-बासमती खेती वाली भूमि पर बायो-डिकम्पोजर का छिड़काव करेगी। बायो-डिकम्पोजर एक प्रकार का तरल पदार्थ है, जो पराली को 15 से 20 दिनों में खाद में बदल सकता है।

राय ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार इस साल 5,000 एकड़ बासमती और गैर-बासमती खेती वाली भूमि पर बायो-डिकम्पोजर का मुफ्त छिड़काव करेगी। दिल्ली के किसानों को बायो डिकम्पोजर का घोल मुफ्त में मुहैया कराए जाने का ऐलान भी पर्यावरण विभाग ने कर दिया है। उन्होंने कहा कि पूसा इंस्टीट्यूट के कृषि वैज्ञानिक इस मुहिम को मॉनिटर करेंगे। एक एकड़ खेत में छिड़काव के लिए 10 लीटर बायो डिकम्पोजर की जरूरत होती है. पिछले साल बायो डिकम्पोजर के छिड़काव में 25 लाख रुपये का खर्च आया था और इस बार 50 लाख रुपये का खर्च आएगा।

First Updated : Tuesday, 20 September 2022
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