Marburg Virus: कोरोना, मंकीपॉक्स के बाद फ़ैल रहा नया वायरस, जानें इसके लक्षण व रोकथाम के उपाय
मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) कोरोना और मंकीपॉक्स से भी ज्यादा खतरनाक है। घाना में इस वायरस के 2 मरीजों की पुष्टि हुई, जिसके बाद दोनों की मौत हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस वायरस की रोकथाम के उपाय कर रहा है, साथ ही घाना में इसके प्रकोप को रोकने के लिए अधिक संसाधनों को तैनात किया जाएगा।
मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) कोरोना और मंकीपॉक्स से भी ज्यादा खतरनाक है। घाना में इस वायरस के 2 मरीजों की पुष्टि हुई, जिसके बाद दोनों की मौत हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस वायरस की रोकथाम के उपाय कर रहा है, साथ ही घाना में इसके प्रकोप को रोकने के लिए अधिक संसाधनों को तैनात किया जाएगा।
एक तरफ कोरोना और मंकीपॉक्स का खतरा अभी तक टला भी नहीं है कि दूसरी तरफ एक और जानलेवा वायरस ने दस्तक देकर दुनिया की चिंता को एक बार फिर से बढ़ा दिया है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, घाना ने आधिकारिक तौर पर मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) के दो मामलों की पुष्टि की है, यह वायरस इबोला के समान अधिक संक्रामक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी रविवार को एक बयान में कहा था कि घाना ने अत्यधिक संक्रामक मारबर्ग वायरस के अपने पहले दो मामलों की पुष्टि की है।
सीएनएन मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, घाना के दक्षिणी अशांति क्षेत्र के दो अलग-अलग रोगियों में मारबर्ग वायरस की पुष्टि हुई थी। इसके बाद दोनों की मौत हो गई। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इन दोनों मरीजों में दस्त, बुखार, मतली और उल्टी के लक्षण दिखे थे। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, इन दोनों के संपर्क में करीब 90 लोग आए हैं। जिनकी निगरानी की जा रही है।
क्या हैं मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) के लक्षण?
मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) रोग अत्यधिक विषाणुजनित बीमारी है, जो रक्तस्रावी बुखार का कारण बनती है। जिसमें मौत का अनुपात 88 प्रतिशत तक होता है। इसमें अचानक अस्वस्थता होती है और फिर तेज बुखार, तेज सिरदर्द और अस्वस्थता के साथ बीमारी शुरू हो जाती है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि यह वायरस फलों से मनुष्यों में फैलता है और फिर इन तरल पदार्थों से दूषित सतहों और संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से एक-दूसरे में फैल जाता है।
नहीं बना इसका कोई टीका
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इसकी रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं और घाना में इसके प्रकोप को रोकने के लिए संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी कि तत्काल और निर्णायक कार्रवाई के अभाव में मारबर्ग आसानी से हाथ से निकल सकता है, मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) के लिए न तो कोई एंटीवायरल उपचार मौजूद है और न ही कोई टीका। हालांकि डिहाइड्रेशन और विशिष्ट लक्षणों के उपचार सहित देखभाल करने से इससे पीड़ित रोगियों के जिंदा रहने की संभावना अधिक हो जाती है।