कल यूनियन कैबिनेट सरकार की 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम 2 को मंजूरी दे दी है। यह प्लान आईटी सेक्टर के लिए बड़ा प्लान माना जा रहा है। सरकार की पीएलआई योजना की मदद से आईटी हार्डवेयर की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 स्कीम को 6 साल के लिए मंजूरी मिली है। इस योजना पर मुहर लगने से आईटी सेक्टर में लगभग 3.35 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन में बढ़ावा मिलेगा। साथ ही करीबन 2340 करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाएं पैदा होंगी।

 युवाओं को मिलेगा रोजगार का नया अवसर

सरकार के इस योजना के साथ-साथ देश में रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। आईटी हार्डवेयर के लोकल ब्रांड को मजबूत करने के साथ-साथ सरकार की इस योजना से सीधे तौर पर 75 हजार नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। वही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का यह प्लान दो लाख से भी अधिक नौकरियों को लाने का काम करेगी। 

केंद्रीय मंत्री ने दी स्कीम की जानकारी17 मई बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में कैबिनेट ने कई बड़े फैसलों को अपनी मंजूरी दी। इसबैठक की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडावियाने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी है। पीएलआई फॉर आईची हार्डवेयर को भी कैबिनेटने मीटिंग में अपनी मंजूरी दी है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनीवैष्णव ने दी है।

फोन बनाने वाले देशों के लिस्ट में भारत का दूसरा स्थान

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और मोबाइल फोन निर्माण के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा था कि पीएम मोदी की नीति का ही प्रभाव है कि भारत साल 2023 में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में 105 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 9 लाख करोड़ रुपये के बेंचमार्क को पार कर चुका है। आपको बता दें कि भारत की पहचान मोबाइल निर्माता कंपनी के रूप में देश के सुची में दूसरे स्थान पर है।