Causes of Heart Blockage: कब और कैसे होता है हार्ट ब्लॉकेज, जानिए इसके प्रारंभिक लक्षण और बचने के उपाय

दिल के दौरे को बुलावा देने वाला हार्ट ब्लॉकेज आजकल एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। आइए जानते हैं कि हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है, इसके प्रारंभिक लक्षण क्या हैं, इससे कैसे बचा जा सकता है और इससे बचने के लिए किन बातों पर गौर करना चाहिए।

Vineeta Vashisth
Vineeta Vashisth
दिल हमारे शरीर का सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण अंग है. दिल को दुरुस्त रखना सेहत की गारंटी कही जा सकती है। दिल का कमजोर होना, दिल का दौरा, हार्ट ब्लॉकेज, स्ट्रोक आदि दिल की ऐसी बीमारियां हैं जो लाइफस्टाइल से जुड़ी हैं. पहले दिल के मरीज ज्यादा उम्र के लोग बनते थे लेकिन बदलता मौसम, लाइफस्टाइल और खान पान के चलते आजकल नई उम्र के लोगों को भी दिल से जुड़ी बीमारियां  परेशान करने लगी हैं. इसमें हार्ट ब्लॉकेज सबसे आम परेशानी है जो आजकल ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना रही है।  
 
क्यों होता है हार्ट ब्लॉकेज
 
हार्ट ब्लॉकेज की परेशानी को डॉक्टरी भाषा में कंडक्शन डिसऑर्डर कहते हैं. इस स्थिति में दिल के ऊपरी भाग (अट्रिया) से दिल की धड़कनें नियंत्रित करने वाले इलेक्ट्रिकल सिग्नल दिल के निचले भाग (वेंट्रिकल्स) तक सही प्रकार से नहीं पहुंच पाते हैं. इससे ह्रदय की धड़कनें अनियंत्रित होने लगती हैं और इस स्थिति में कोरोनली धमनियां (ह्रदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियां) आंशिक रूप से या पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती है जिससे दिल को सही मात्रा में ब्लड नहीं मिलता और दिल के दौरे यानी यानी हार्ट स्ट्रोक का खतरा पैदा हो जाता है।  
 
हार्ट ब्लॉकेज कई तरह के होते हैं। सिनोअट्रियल नोड ब्लॉक, एट्रियोवेंट्रिकुलर नोड ब्लॉक, बंडल ब्रांचेज ब्लॉक। बंडल ब्रांचेज ब्लॉक में दो तरह के ब्लॉकेज होते हैं जैसे राइट बंडल ब्लॉक और लेफ्ट बंडल ब्लॉक। 
 
हार्ट ब्लॉकेज के क्या हैं कारण -
 
हार्ट ब्लॉकेज कई कारण हो सकते हैं. ये समस्या मुख्य रूप से तब आती है जब किसी को जन्मजात रूप से ही हार्ट ब्लॉकेज हो, या फिर कोई मरीज जो लंबे समय से दवाएं ले रहा है, उसके साइड इफेक्ट के रूप में, किसी की ह्रदय रोग की सर्जरी होकर चुकी हो, हार्ट सर्जरी के बाद और किसी बड़े संक्रमण की वजह से भी हार्ट ब्लॉकेज होता है। इसके अलावा खान पान के चलते बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल, हाई ब्लड प्रेशर,मधुमेह, एक्सरसाइज की कमी, मोटापा, धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन, तनाव आदि कारणों से भी हार्ट ब्लॉकेज की समस्या देखी जाती है।
 
हार्ट ब्लॉकेज के क्या हैं प्रारंभिक लक्षण - 
 
अगर हार्ट ब्लॉकेज की समस्या से बचना है तो हर किसी को इसके प्रारंभिक लक्षण समझने चाहिए ताकि समय रहते इस बीमारी का इलाज किया जा सके। 
 
छाती में लगातार और रुक रुक कर दर्द होना।
जबड़े में दर्द होना।
पसीना आना और गर्मी महसूस होना।
सिर चकराना, चक्कर आना और भ्रम की स्थिति पैदा होना।
बेहोशी का अनुभव होना।
जल्दी थकान महसूस होना, किसी भी चीज की सामर्थ्य ना होगा।
हार्ट बीट का अनियंत्रित होना, दिल की धड़कन कभी तेज और कभी धीमी होना।
टखनों और पंजों में सूजन आना।
बाएं कंधे और बाएं हाथ में दर्द होना और सूजन आना।
 
हार्ट ब्लॉकेज से बचने के उपाय - 
यूं तो हार्ट की बीमारी जैसे स्ट्रोक और ब्लॉकेज को खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी और दवाओं आदि की मदद ली जाती है, दिल के दौरे के लिए बाईपास सर्जरी अंतिम विकल्प होता है। लेकिन इस स्थिति से पहले ही अगर हार्ट ब्लॉकेज के लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए तो परहेज और इलाज की मदद से हार्ट ब्लॉकेज का इलाज संभव है. 
 
इसके लिए खान पान में बदलाव करना चाहिए, धूम्रपान, अल्कोहल से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, इसके साथ ही डाइट प्लान और सही एक्सरसाइज और योग पर फोकस करके हार्ट ब्लॉकेज से बचा जा सकता है। कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए मैदा, जंक फूड, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और चीनी आदि पर नियंत्रण करना चाहिए। हरी सब्जियां, मसाले दिल के लिए अच्छे कहे जाते हैं. 
 
वजन कम करने पर फोकस करना चाहिए। आपको बता दें कि मोटापा दिल का एक खास दुश्मन है।
कोलेस्ट्रोल का लेवल कम करने के लिए डाइट प्लान बनाना चाहिए।
हरी सब्जियों के साथ साथ साबुत अनाज को डाइट में शामिल करना चाहिए।
कम कार्ब्स वाले भोजन को नियमित आहार में शामिल करना चाहिए।
मीठे खासकर सफेद चीनी का इनटेक कम करना चाहिए।
मैदा और मैदा से बने खाद्य पदार्थों को इग्नोर करना चाहिए।
भोजन में अदरक, लहसुन जैसे मसाले ज्यादा उपयोग में लाने चाहिए। 
बाजार में मिलने वाले तले भुने स्नेक्स को अवाइड करना चाहिए।
डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे फुलक्रीम दूध फ्लेवर्ड मिल्क का सेवन नहीं करना चाहिए।
अर्जुन की छाल और लहसुन  की एक कली का रोज सेवन करने पर खून पतला होता है जिससे हार्ट ब्लॉकेज का खतरा कम होता है। 
अपनी डाइट में बीन्‍स यानी फल‍ियां, फलों और फूलों के बीज, दही, गेहूं, जौ, बाजरा आदि को शामिल करें।
विटामिन सी से भरपूर फूड जैसे  कीवी, संतरा, नींबू आद‍ि का सेवन करना फायदा करता है।
ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
 
हार्ट ब्लॉकेज से बचने  के लिए  इन डॉक्टरी जांच नियमित तौर पर करवाते रहना चाहिए, जैसे हाई बीपी, डायब‍िटीज, थायराइड  आदि। इसके साथ साथ अपनी ईसीजी भी हर माह या डॉक्टर की सलाह पर करवानी चाहिए।  हर माह शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर भी चैक करवाना चाहिए ताकि समय रहते मोटापे को कम किया जा सके। एक्ससाइज और योग नियमित तौर पर करना चाहिए ताकि ह्रदय एक्टिव और मजबूत रहे। 
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27 February 2023, 06:54 PM IST

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