कोविड की चौथी लहर से लड़ने के लिए तैयार है भारत

साल 2020 की मनहूसियत को दुनियाभर में भूला नहीं जा सकता।चीन में कोविड की उत्पत्ति हुई।सारी दुनिया ने इसके दंश को झेला।लाखों लोग उजड़ गए।बड़ी ताताद में बच्चे यतीम हो गये।महिलाओं के माथे का सिंदूर मिट गया।ये एक ऐसी त्रासदी है जिसे हम कभी नहीं भूल सकते।एक बार फिर कोविड ने नए वैरिएंट के तौर पर दस्तक दी है।BF.7 नाम के इस वैरिएंट ने दुनिया को फिर से परेशानी में डाल दिया है।

T P Pandey
T P Pandey

साल 2020 की मनहूसियत को दुनियाभर में भूला नहीं जा सकता।चीन में कोविड की उत्पत्ति हुई। सारी दुनिया ने इसके दंश को झेला।लाखों लोग उजड़ गए।बड़ी तादाद में बच्चे यतीम हो गये। महिलाओं के माथे का सिंदूर मिट गया।ये एक ऐसी त्रासदी है जिसे हम कभी नहीं भूल सकते। एक बार फिर कोविड ने नए वैरिएंट के तौर पर दस्तक दी है। BF.7 नाम के इस वैरिएंट ने दुनिया को फिर से परेशानी में डाल दिया है।

अमेरिका,फ्रांस,ब्रिटेन,जापान और भारत में इसे लेकर एक अजीब सी बेचैनी और घबराहट है। क्योंकि अभी हम लोग उस कोविड के आक्रमण को दिमाग से नहीं निकाल पाए हैं जो जानलेवा साबित हुआ।जब अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पड़ गयी।श्मशान घाटॉों और कब्रस्तानों में लाशों के ढेर लग गये।अपनों का शवदाह करने के लिए मुसीबतज़दा लोगों को लाइनों में खड़े होना पड़ा। रात-रात भर लाशें जलती रहीं।ऊपर बाकी कमी सोशल मीडिया ने पूरी कर दी।फेसबुक, ट्विटर के इस दौर में भारत में जलती लाशों के वीडियो दुनिया में फैलाए जाने लगे।

ऐसा लगा कि भारत में ही सबसे ज्यादा बदइंतजामी और बेबसी है।लेकिन ऐसा नहीं था।इस झूठ को दुनिया में जिन लोगों ने फैलाया उनका एक एजेंडा था ताकि देश को बदनाम किया जा सके।भारत ने ऐसी मुसीबत पहले नहीं झेली।लेकिन इससे एक बड़ा सबक भी मिला।भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान छेड़ा।भारत खुद भी दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता और निर्यातक देश है।इसलिए अब तो करोड़ों लोगों को बूस्टर डोज भी लग चुकी है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा देगी।इसलिए जैसी तस्वीर पेश की जा रही है वैसा है नहीं।

भारत ने पिछले संकट से बहुत कुछ सीखा है।यही नहीं लोगों में जागरूकता का स्तर बढ़ा है।अब लोग खुद ही इसके बारे में सोचते हैं।समाचार माध्यमों से भी जागरूकता फैलाई जा रही है।अगर भारत के ही परिपेक्ष में बात की जाए तो भारत ने कोविड के पिछले दौर में भी हैरतअंगेज काम किया।हमने ना केवल अपने यहां वैक्सीन लगवाईं बल्कि दुनिया के बाकी देशों को भी वैक्सीन भेजी।

कुछ गरीब देशों को तो भारत सरकार ने मुफ्त में वैक्सीन भेजी।चीन और पाकिस्तान ऐसे देश हैं जहां हमारी वैक्सीन नहीं गयीं।पाकिस्तान से खराब संबंधों के कारण और चीन ने हमसे वैक्सीन नहीं मांगी क्योंकि उन्होंने खुद वैक्सीन ईजाद की।लेकिन चीन आज कोविड की जिस महात्रासदी को झेल रहा है उसके पीछे सच ये है कि उसकी वैक्सीन बिल्कुल भी प्रभावी नहीं थी।अब वहां के हालात देखते हुए भारत चीन को भी दवाएं भेजेगा।हालांकि चीन ने दवाइयों की मांग नहीं की है मगर वसुधैव कुटुबंकम की भावना के कारण हम ये पेशकश कर रहे हैं।

चीन में तमाम शहर बंद हैं। कोविड से वहां 10 लाख से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका है।दवाओं का अकाल पड़ गया है।रोजगार चौपट हो गये हैं।बहरहाल भारत में ऐसी नौबत नहीं आने वाली क्योंकि हम अलर्ट हैं।हमने पिछली गलतियों से सबक लिया है।इसका मतलब यह नहीं कि हम सावधानी बरतना छोड़ दें।बूस्टर डोज लगने से हमारे देशवासी काफी हद तक सुरक्षित हैं।सरकार अपना काम कर रही है।हमें बस उसका साथ देना है।बेहतर रहेगा कि हम अपना भी और बाकी लोगों का ख्याल रखें।

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26 December 2022, 11:08 AM IST

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