तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर 'भारत राष्ट्र समिति' (BRS) किया गया

तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर 'भारत राष्ट्र समिति' (BRS) किया गया है। यह फैसला टीआरएस जनरल बॉडी द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया है।

Suman Saurabh
Suman Saurabh

हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर 'भारत राष्ट्र समिति' (BRS) किया गया है। यह फैसला टीआरएस जनरल बॉडी द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया है। बता दें कि सीएम केसीआर आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पिछले कुछ महीनों में सीएम केसीआर ने विपक्ष के कई नेताओं के साथ मुलाकात की, और मौजूदा मोदी सराकर के सामने विकल्प बनने के लिए हर मोर्चे पर केंद्र सरकार को चुनौती देते दिखे। केसीआर ने अपने कुछ सबोधनों में केंद्र सरकार के कई नीतियों की आलोचनाएं की और मोदी सरकार पर हमलावर नजर आए।

गौरतलब है कि सीएम केसीआर विपक्ष का विकल्प का स्थान भरने के लिए लम्बे समय से प्रयास कर रहें हैं और वह लगातार देश में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए कार्य कर रहें हैं। उन्होंने इसकी शुरूआत अपने राज्य तेलंगाना से की है। राजनीतिक विश्लेषको का मानना है कि केसीआर सरकार ने कई ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं अपने प्रदेश में लागू किया है जिसका तेलगांना की जनता को लाभ मिला है। तेलगांना सरकार की कुछ योजनाएं रायथु बंधु, रायथु बीमा,दलित बंधु और प्रस्तावित गिरिजन बंधु योजनाओं से काफी मजबूत मिली है, इसके अलावे सिंचाई के विस्तार और नए विकल्प के व्यावहारिक दृष्टिकोण और तेलंगाना के मौजूदा क्षेत्रों में चौबीसों घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति को टीआरएस की सफलता के उदाहरण के रूप में देखा जाता है।

साथ ही किसानों और वंचितों को उनके न्यायसंगत अधिकारों के बारे में जागृत करने के एकल बिंदु एजेंडे के साथ है, टीआरएस ने शुरू में अविभाजित आंध्र प्रदेश राज्य और बाद में राष्ट्रीय स्तर पर किसान संगठनों के बीच क्रॉस सेक्शन के लोगों से प्रशंसा प्राप्त की है। टीआरएस, राज्य के संघर्ष की जड़ और नवगठित तेलंगाना राज्य में कई आंदोलनों ने जन संघर्षों के लिए प्रेरणा बने रहने और कल्याण और विकास उपायों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन सभी पहलुओं पर अगर गौर किया जाए तो ऐसे में कहा जा सकता है कि केसीआर के द्वारा किया गया प्रयास ने काफी हद तक सफलता पाई है लेकिन यह कहना कि वह मौजूदा समय में विपक्ष का विकल्प बनकर उभरगें तो थोड़ी जल्दबाजी होगी।

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05 October 2022, 02:05 PM IST

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